साइकिल चलाना नहीं आता, तो भी कुछ दिन में फर्राटे से चलाएं स्‍कूटी, जानें कैसे

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हाइलाइट्स

अकेले कभी स्‍कूटी या कोई दोपहिया वाहन चलाना नहीं सीखना चाहिए.
स्‍कूटी चलाने से पहले उसके हर पार्ट के फंक्‍शन के बारे में जान लेना चाहिए.
खुली जगह पर ही स्‍कूटी चलाने की प्रैक्टिस करनी चाहिए.

नई दिल्‍ली. बाइक और स्‍कूटी आज हर घर की जरूरत बन गई है. आमतौर लोग बचपन से ही दोपहिया वाहन चलाना सीख लेते हैं. जिन लोगों ने साइकिल चलाई है, उन लोगों के लिए बाइक या स्‍कूटी चलाना ज्‍यादा मुश्किल काम नहीं होता. हां, जिन्‍हें साइकिल नहीं आती, उनको ड्राइविंग सीखने में कुछ ज्‍यादा समय लगता है. अगर आप भी चाहते हैं कि आप कुछ ही दिनों में परफेक्‍ट ड्राइवर बन जाएं, तो आपको कुछ वार्मअप या प्रेक्टिस शुरुआती 4-5 दिनों तक करनी होगी. ये प्रैक्टिस चालू नहीं बल्कि बंद स्‍कूटी के साथ करनी है.

सीधे ही टू व्‍हीलर चलाना सीखने वाले लोगों के लिए शुरुआत में उसे बैलेंस कर पाना और उसके वजन को संभाल पाना टेढ़ी खीर होता है. आज हम आपको कुछ ऐसे स्‍टेप्‍स बताएंगे, जिनकी प्रैक्टिस आपने 4-5 दिन कर ली तो आपको हैंडिल संभालने, बैलेंस करने और गाड़ी को कहीं भी और कभी भी रोकने में जरा भी दिक्‍कत नहीं होगी. इससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और आप कुछ ही दिनों में फर्राटे से स्‍कूटी या बाइक दौड़ाने लगेंगे.

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स्‍टैंड से उतारें और चढ़ाएं
सबसे पहले आपको यह पता लगाना होगा कि क्‍या आप स्‍कूटी का वजन उठा पाते हैं या नहीं. होता यह है कि कुछ लोग जैसे ही स्‍कूटी चालू करके स्‍टैंड से उतारते हैं, वह गिर जाती है. आपको बंद स्‍कूटी को स्‍टैंड से हटाना है और उसे हैंडिल से पकड़ कर सीधा करना है. इसे काम शुरुआत के 4 दिन कई बार करना है. ऐसा करने से आपको यह पता चल जाएगा कि स्‍कूटी का वजन संभाल पाएंगे या नहीं. थोड़ी प्रेक्टिस से आप आराम से स्‍कूटी को संभालने लगेंगे.

पैदल चलाएं
दूसरा काम आपको यह करना है कि बंद स्‍कूटी को ही हैंडिल पकड़कर कुछ दूर तक चलाएं. ऐसा करने से आप हैंडिल के साथ फेमिलियर तो होंगे ही, साथ ही स्‍कूटी को बैलेंस करने की आदत भी आपको हो जाएगी. पैदल चलाते वक्‍त भी स्‍कूटी आपसे डोलेगी. इससे आपको यह मालूम हो जाएंगे कि आप इसे जब चालू करके चलाएंगे तो हैंडिल को लेकर क्‍या-क्‍या दिक्‍कत आएगी.

ऊपर बैठकर पैरों से धकेलें
तीसरी प्रेक्टिस जो आपको बंद स्‍कूटी के साथ करनी है वो है स्‍कूटी पर बैठकर उसे पैरों से धकेलना. स्‍कूटी पर बैठ जाएं. उसे पैर नीचे रखकर आगे की ओर धकेलें. ऐसा करने से भी आपको स्‍कूटी को बैलेंस करने और हैंडिल संभालने में बहुत मदद मिलेगी. 4 दिन इस प्रेक्टिस को रोज करें.

दोनों तरफ झुकाएं
नौसिखिए स्‍कूटी ड्राइवरों को जब अचानक कहीं ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकनी पड़ जाती है तो कई बार स्‍कूटी तो जाती है, लेकिन एक तरफ झुककर गिर जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि ड्राइवर को अपने पैरों पर स्‍कूटी का वजन झेलने की आदत नहीं होती. स्‍कूटी को पैर रखकर खड़ा रखना सीखने के लिए स्‍कूटी पर बैठकर उसे दाएं और बांए झुकाना चाहिए. इससे आपके पैरों का स्‍कूटी का वजन सहने की आदत तो पड़ेगी ही स्‍कूटी को बेहतर तरीके से बैलेंस करना भी आप सीखेंगे.

चलाना और रोकना
ऊपर बताए गए स्‍टेप्‍स को 2 दिन करने के बाद ही आपको स्‍कूटी को स्‍टार्ट करना है. एकदम से उसे आगे नहीं बढ़ाना है. स्‍कूटी को धीरे-धीरे एक्सिलेटर को घुमाकर आगे बढ़ाएं. कुछ कदम चलते ही ब्रेक लगाकर रोक लें. दोनों पैरों को ऊपर न उठाएं. अब फिर स्‍कूटी बढ़ाएं और रोक लें. इस क्रिया को कई बार दोहराएं. कम से कम दो दिन इस प्रैक्टिस को जमकर करें. जब आपको लगे की आप सही ढंग से गाड़ी चला और रोक पा रहे हैं, तब चलने की दूरी धीरे-धीरे बढ़ाएं और पैर भी ऊपर रखने शुरू करें. इस प्रैक्टिस से आपको न केवल गाड़ी आगे बढ़ाना बल्कि सही ढंग से ब्रेक लगाना भी आ जाएगा. जो कि आपकी सुरक्षा के लिहाज के लिए बहुत जरूरी है.

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