मोहर्रम के जुलूस के दौरान बांस और हरे पेड़ से टकराया बिजली तार, 11 लोग झुलसे

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गोविंद कुमार/गोपालगंज. मोहर्रम की  निकली जुलूस में शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया. उचकागांव थाने के हरपुर धर्मचक गांव में हाइटेंशन तार के चपेट में आने से जुलूस में शामिल 11 लोग झुलस गए. जिन्हे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें आठ की हालत खतरे से बाहर है और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है जबकि तीन का इलाज देर शाम तक चल रहा था. वहीं, पीड़ितों के काफी संख्या में परिजनों के अस्पताल पहुंचने अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही. वहीं हादसे की सूचना पाकर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी और एसपी स्वर्ण प्रभात सदर अस्पताल में पहुंचे. अधिकारियों ने पीड़ितों की इलाज के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली, उसके बाद झुलसे हुए लोगों से घटना के बारे में भी जानकारी ली. डीएम ने बताया कि जुलूस निकालने की सूचना अखाड़ा समितियों ने प्रशासन को नहीं दी थी, जिसके कारण बिजली आपूर्ति नहीं काटी गयी थी. डीएम ने कहा कि ये लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है.

हरपुर धर्मचक गांव में शुक्रवार की सुबह मोहर्रम का जुलूस निकाला हुआ था. जुलूस में काफी संख्या में लोग लाठी-डंडा और हरे बांस के अलावा पेड़ की टहनियों को लेकर निकले हुए थे. मोहर्रम की 9वीं को जुलूस सड़कों पर निकलेगा, इसकी सूचना प्रशासन को नहीं थी, जिसके कारण बिजली आपूर्ति को बाधित नहीं किया गया था. जुलूस जैसे ही हरपुर गांव में पहुंची, हाइटेंशन तार के चपेट में आ गयी और एक-एक कर 11 लोग झुलस गए. हादसा होने के बाद अफरातफरी मच गयी. आस-पास के लोगों की मदद से सभी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. करंट से झुलसे हुए लोगों में फिरोज आलम, महताब आलम, सफी अली, जियाउल अली, एकबाल अली, लक्की, नौसाद आलम, अल्फ राजा, आशिक अली, मेहदी आलम, तौकीर आलम शामिल हैं. डॉक्टर कौसर जावेद के मुताबिक महताब आलम, तौकिर आलम और नौसाद अली को छोड़कर सभी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.

विद्युत विभाग को हादसे का ठहराया जिम्मेदार
हादसे की सूचना मिलने पर बिहार अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के अध्यक्ष रेयाजुल हक राजू सदर अस्पताल पहुंचे. अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के अध्यक्ष ने पीड़ितों से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली और इलाज में लापरवाही न हो इसके लिए डॉक्टरों को निर्देश भी दिए. अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि पीड़ितों से बात करने के बाद स्पष्ट हो गया है कि बिजली विभाग की लापरवाही से ये हादसा हुआ है. प्रशासन को पता था कि सुबह में जुलूस निकलना था तो बिजली सप्लाई को बंद क्यों नहीं किया गया. उन्होंने मामले में जिला प्रशासन से जांच कराते हुए दोषी पर कार्रवाई के निर्देश दिए. वहीं, एआइएमआइएम के प्रदेश सचिव अब्दुल सलाम उर्फ उर्फ असलम मुखिया ने भी बिजली विभाग को दोषी ठहराया और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

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