भिवानी19 मिनट पहले
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भिवानी कोर्ट परिसर प्रतीकात्मक फोटो।
हरियाणा के भिवानी के बड़ेसरा गांव के बहुचर्चित बलजीत बड़ेसरा हत्याकांड में आज कोर्ट का बड़ा फैसला आएगा। जेल में बंद पूर्व सरपंच आनंद उर्फ बबलू सहित उसके परिवार के 18 व्यक्तियों को कोर्ट दोष्ज्ञी ठहरा चुकी है। 2 आरोपियों को बरी किया गया है। वर्ष 2017 में महिला सरपंच की आरटीआई लगाए के बाद शुरू हुए खूनी संघर्ष में बड़ेसरा में अब तक 6 हत्याएं हो चुकी हैं।
भिवानी की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ADJ) रजनी यादव की कोर्ट ने 14 अगस्त को बड़ेसरा हत्याकांड में सुनवाई के दौरान बबलू सरपंच सहित उसके परिवार के 18 व्यक्तियों को दोषी करार दिया था। इनमें गांव बड़ेसरा निवासी आनंद उर्फ बबलू पूर्व सरपंच, पवन उर्फ भोलू, कपूर, वजीर, जगवंत, बलवान, प्रमोद उर्फ मोनी, पवन, रवींद्र, सबीर, अजीत उर्फ जीता, कर्मवीर, आनंद उर्फ बबलू का भाई लेहणा, सोनू, नरेश, सुधीर शामिल हैं।
1 पक्ष के 5, दूसरे पक्ष में 1 मर्डर
इस हत्याकांड में अब तक एक पक्ष के 5 और दूसरे पक्ष के 1 व्यक्ति की हत्या की जा चुकी है। कोर्ट आज दोषी ठहराए गए 18 व्यक्तियों को सजा तय करेगा। इस सजा पर पूरे भिवानी जिले के लोगों की नजर टिकी है। मामला आपसी रंजिश के साथ चुनावी रंजिश से भी जुड़ा हुआ है। आपसी रंजिश को देखते हुए गांव में पुलिस ने एक स्थायी पुलिस पोस्ट बनानी पड़ी है।
यहां से शुरू हुआ बड़ेसरा में खूनी संघर्ष
भिवानी जिले के गांव बड़ेसरा निवासी बलजीत ने 2017 में गांव की सरपंच सुदेश के खिलाफ आरटीआई लगाई थी। उसमें सुदेश की दसवीं कक्षा की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। इसके बाद से दोनों पक्षों में रंजिश हो गई थी। इसी रंजिश में बलजीत और उसके परिवार के पांच लोगों की हत्या की जा चुकी है। वर्ष 2017 में बलजीत व उसके चाचा भल्लेराम और ताऊ महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
बार बार गोलीबारी से दहल रहा गांव
अक्तूबर 2019 में पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या कर दी गई थी। 2020 में हुए तिहरे हत्याकांड में मृतक बलजीत के ताऊ की घर के सामने ही तीन गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा परिवार के कई लोगों पर जानलेवा हमला हो चुका था। वहीं बबलू पक्ष के 50 वर्षीय महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।इस हमले में मास्टर अजीत उर्फ बालिया गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हत्याकांड के अलावा कई लोगों पर भी जान लेवा हमले हो चुके हैं।
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