दिल्ली पुलिस के डाटा को हथियार बना ऐसे देता था वारदात को अंजाम, अब पहुंचा जेल

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नवीन निश्चल

नई दिल्ली. द्वारका जिला के वाहन चोरी निरोधक दस्ता की पुलिस टीम ने एक अजीब तरह के चीटर को गिरफ्तार किया है, जो ऑटो लिफ्टर भी है. यह चोर दिल्ली पुलिस की साइट जीपनेट (जिसपर 7 राज्यों की चोरी की गाड़ी की डिटेल रहती है) उससे डाटा निकालकर चीटिंग की वारदात को अंजाम देता था. इसके पास से पुलिस टीम ने 4 चोरी की मोटरसाइकिल भी बरामद की ह. यह निहाल विहार थाना का घोषित बैड कैरेक्टर भी है और पहले से 16 मामलों में शामिल रहा है. कार वापस दिलाने के लिए वह 6000, मोटरसाइकिल और स्कूटी वापस दिलाने के लिए 2000 रुपए यूपीआई के जरिए मांगता था. वह भी अपने नंबर पर नहीं, बल्कि मनी ट्रांसफर वाले के यहां जाकर और बाद में व्हाट्सएप नंबर को ब्लॉक कर देता था.

डीसीपी द्वारका एम हर्षवर्धन ने बताया कि यह मास्टरमाइंड जिपनेट से डिटेल निकालकर चोरी की गाड़ी के मालिक की डिटेल निकालता. फिर उन्हें कॉल करके चीटिंग की वारदात को अंजाम देता था. इसे इंस्पेक्टर कमलेश कुमार की देखरेख में सहायक सब इंस्पेक्टर जितेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल जगत, और संदीप की टीम ने गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है.

पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से इसके बारे में पता लगाना शुरू किया था और फिर इसे गिरफ्तार कर सकी. जब आरोपी को गिरफ्तार किया गया, उस वक्त वह चोरी की मोटरसाइकिल से इलाके में वारदात को अंजाम देने के लिए घूम रहा था. बरामद की गई मोटरसाइकिल उसने इंदिरा गांधी हॉस्पिटल के पार्किंग से चुराई थी. आगे की पूछताछ के बाद इसकी निशानदेही पर और चोरी की मोटरसाइकिल अलग-अलग जगह से बरामद की गई.

इससे पूछताछ की गई, तो पुलिस को इसने बताया कि वह हाल में ही तिहाड़ जेल से छूट कर आया था. उसकी मुलाकात मोहित से हो गई, फिर दोनों ने मिलकर डिटेल निकालकर चीटिंग की वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग बनाई. वे पीड़ित का मोबाइल नंबर लेकर उन्हें कॉल करते थे, कहते थे उनकी गाड़ी एक जगह खड़ी है. यहां उसे वह मिल जाएगी, लेकिन लोकेशन देने के लिए 2000 से 6000 रुपए की डिमांड करते थे और जब पैसा आ जाता था तो यह रिस्पांस देना बंद कर देते थे.

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