हाइलाइट्स
PLI Scheme: ऑटो सेक्टर के लिए अच्छी खबर
यह स्कीम अब वित्त वर्ष 2027-28 तक जारी रहेगी
ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े विभिन्न पक्षों से मिले सुझाव स्वीकार
नई दिल्ली. ऑटो सेक्टर के खुशखबरी है. दरअसल, केंद्र सरकार ने ऑटोमोटिव सेक्टर (Automotive Sector) के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) स्कीम को एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम को एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है.
विस्तार के बाद 5 साल की स्कीम वित्त वर्ष 2027-28 तक जारी रहेगी. मूल रूप से स्कीम 2022-23 से 2026-27 तक के लिए थी. वर्तमान में देश में बनी एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स (वाहनों और कल-पुर्जो) की निर्धारित बिक्री के लिए इनसेंटिव स्कीम एक अप्रैल, 2022 से 5 साल की अवधि के लिए लागू है. भारी उद्योग मंत्री ने यहां संबंधित पक्षों के साथ योजना के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद पीटीआई से कहा, ‘‘इस स्कीम को एक साल के लिए बढ़ाया जा रहा है.”
सब्सिडी का तिमाही आधार पर वितरण
इससे पहले पांडेय ने कहा कि मंत्रालय ने स्कीम से संबंधित ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े विभिन्न पक्षों से मिले सुझावों को स्वीकार कर लिया है. इसमें सब्सिडी का तिमाही आधार पर वितरण और घरेलू स्तर पर वैल्यू एडिशन की जांच करने वाली एजेंसियों की संख्या वर्तमान में 2 से बढ़ाकर 4 करना शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इन उपायों से पीएलआई स्कीम को गति मिलेगी.’’
पीएलआई स्कीम को प्रभावी बनाने पर जोर
समीक्षा बैठक में मंत्री ने पीएलआई स्कीम को प्रभावी बनाने के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं को लेकर मिलकर काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सरकार अनुकूल कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने और देश ऑटो सेक्टर में विकास में तेजी लाने को लेकर प्रतिबद्ध है.
क्या है प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम?
मोदी सरकार ने मार्च 2020 में पीएलआई स्कीम शुरू की थी. इसका उद्देश्य घरेलू कंपनियों में निर्मित प्रोडक्ट्स की बिक्री में बढ़ोतरी पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना है. पीएलआई योजना का मकसद घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनाना है.
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FIRST PUBLISHED : August 30, 2023, 11:11 IST
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