सोनीपत | हरियाणा में प्रदूषित वायु का स्तर लगातार बढ़ते जा रहा है. सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा के 6 शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AIQ) अति खराब श्रेणी में है. खास तौर पर एनसीआर के अंतर्गत आने वाले जिलों का बुरा हाल है. बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच सरकार ने पुराने वाहनों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है.
हरियाणा परिवहन आयुक्त ने पत्र क्रमांक 1119/11/105/2022/5942/1/6/DT. 2/12/21 के तहत जारी आदेशों के अनुसार, 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को एनसीआर में वि-पंजीकृत कर दिया जाएगा. ई-परिवहन पोर्टल पर इस प्रकार के वाहन स्वतः ही डी-रजिस्टर्ड हो जाएंगे. वाहन मालिकों के पास 3 महीने का समय बचा हुआ है. उनके पास विकल्प है कि या तो वे अपने पुराने वाहनों को एनसीआर के बाहर भेज दें या शिफ्ट करा लें.
विभाग का सख्त आदेश जारी
परिवहन विभाग की ओर से वाहन मालिकों को जानकारी देते हुए कहा है कि जिन लोगों के पास पुराने वाहन हैं वे 3 मार्च 2022 से पहले उन्हें बेच दे या फिर बाहरी जिलों में ट्रांसफर करवा कर शिफ्ट कर ले. क्योंकि 3 मार्च 2022 के बाद ऐसे वाहन खुद ही वी-पंजीकृत हो जाएंगे और 3 मार्च के बाद एनसीआर के जिलों में वाहनों को जल्दी की अनुमति नहीं दी जाएगी. चलाते समय पकड़े जाने की स्थिति में ऐसे वाहनों को चेकिंग टीम द्वारा जब्त कर लिया जाएगा.
इन 14 जिलों की वाहनों पर पड़ेगा असर
दिल्ली एनसीआर के अंतर्गत हरियाणा के 14 जिले आते हैं. इनमें सोनीपत, पानीपत, करनाल, जींद, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, भिवानी, चरखी दादरी, मेवात, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी शामिल हैं. हालांकि बता दें कि इस तरह के आदेश पहले भी सरकार की ओर से जारी किए गए हैं.