ट्रैफिक पुलिस और पीसीआर ड्यूटी में तैनात टीम की वर्दी में होगा बदलाव, जानिए कैसी होगी नई वर्दी

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यदि आप किसी पुलिसकर्मी से दो-चार होते हैं, तो आपकी यह मुलाकात कैमरे की निगरानी में होगी। जी हां, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की वर्दी पर भी कैमरे लगेंगे, जिससे उनकी व उनके आसपास की हर गतिविधि पर नजर होगी। खास तौर से ट्रैफिक और पीसीआर पुलिस को कैमरों से लैस किया जाएगा। दिल्ली पुलिस की यह महत्वाकांक्षी योजना फिलहाल परीक्षण स्तर पर है।

Uttar Pradesh traffic cops get back BSP-era uniforms | India News – India TV

परीक्षण के बाद इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। परीक्षण के लिए कुछ कैमरों का इस्तेमाल शुरू किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस योजना पर शुरुआती दौर का काम चल रहा है। योजना को हर कसौटी पर कसने के बाद दिल्ली पुलिस में बारी-बारी से विभिन्न यूनिट में इसे लागू किया जाएगा। इससे न सिर्फ पुलिसिंग में बड़ा बदलाव लाया जा सकेगा, बल्कि पारदर्शिता भी आएगी। पुलिस के व्यवहार में भी सुधार दिखने को मिलेगा।

जारी होगी गाइडलाइन

पुलिस सूत्रों की मानें तो कैमरे के इस्तेमाल को लेकर अभी द्वारका जिले में खाका तैयार किया जा रहा है। योजना के तकनीकी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। कैमरे से लैस पुलिसकर्मियों के व्यवहार को लेकर गाइडलाइन तैयार की जा रही है। इसमें इस बात का उल्लेख होगा कि पुलिसकर्मी किस तरह कैमरे का इस्तेमाल करेगा। उसके पास कितनी देर की वीडियो फुटेज होनी चाहिए। कब वह कैमरा बंद करेगा और ड्यूटी के दौरान कैमरा बंद करने की अनुमति होगी या नहीं। गाइडलाइन की अवहेलना करने पर किस तरह की कार्रवाई की जा सकती है, यह भी बताया जाएगा।

Traffic cops wear Camera on uniform- The New Indian Express

600 कैमरों से शुरुआत

पुलिस सूत्रों ने बताया कि फिलहाल इस योजना के तहत दिल्ली पुलिस ने 600 कैमरे मंगाए हैं, जिनका इस्तेमाल कर योजना की सफलता का आकलन किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी की मानें तो इन 600 कैमरों को खास तौर से पीसीआर यूनिट समेत अन्य टीम को इस्तेमाल के लिए दिए गए हैं। टीम स्पॉट पर पहुंचने के बाद या किसी जांच के दौरान इन कैमरों का इस्तेमाल कर रही है। टीम से भी फीडबैक लिया जा रहा है।

एसएचओ को सौंपेंगे विजुअल

पुलिस अधिकारी ने बताया कि थाने के पुलिसकर्मी और पीसीआर टीम वर्दी पर लगे कैमरे का सारा विजुअल संबंधित थाने के एसएचओ को सौंपेगी। बाद में इसे थाने के एसएचओ द्वारा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजा जाएगा। इसको लेकर समय-समय पर रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।

क्या है उद्देश्य

पुलिस अधिकारी के अनुसार, खास तौर से पुलिस और जनता के बीच के संबंध में सुधार लाना इस योजना की प्राथमिकता है। कैमरा होने से पुलिस सामने वाले व्यक्ति से ठीक से पेश आएंगे। साथ ही पुलिस पर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों की स्थिति में यह कैमरा सबूत की तरह काम करेगा। पुलिसकर्मी पर कोई झूठा आरोप नहीं लगा सकेगा। वहीं, कैमरा होने से पुलिसकर्मी भी सतर्कता बरतेंगे और ड्यूटी व व्यवहार में लापरवाही की गुंजाइश कम होगी।