पुरानी कार मालिको के लिए खुशखबरी, नही बेचनी पड़ेगी पुरानी कार, बेहद कम लागत में लगेगी इलेक्ट्रिक किट

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नई दिल्ली- क्या आप भी अपनी पुरानी कार को इलेक्ट्रिक कार में बदलने की योजना बना रहे हैं? दिल्ली सरकार जल्द ही ऐसे ग्राहकों के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च करने जा रही है. इसके तहत लोग अपनी पेट्रोल-डीजल कार में इलेक्ट्रिक किट लगवाने के लिए डीजल से संपर्क और परिवहन विभाग से परमिशन ले सकेंगे.

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राज्य सरकार ने इस योजना का खुलासा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए किया था. पिछले साल नवंबर में दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि राज्य में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को स्क्रैपिंग से बचने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जा सकता है.

जानें कितनी आएगी लागत?

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा लॉन्च किया जाने वाला नया पोर्टल उन ग्राहकों और एजेंसियों दोनों को लाएगा जो इलेक्ट्रिक किट वाले वाहनों को फिर से लगाने की प्रक्रिया में शामिल हैं. उन्हें एक मंच पर एक साथ लाकर, दिल्ली सरकार चाहती है कि प्रक्रिया सहज और पारदर्शी हो सके. ग्राहक अपने पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक कारों में बदलने के लिए अपनी पसंद की कंपनियों को चुन सकेंगे. एक पुराने पेट्रोल या डीजल कार को कन्वर्ट कराने की लागत ₹3 लाख से ₹5 लाख के बीच हो सकती है.

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कब होगा लॉन्च?

दिल्ली सरकार के अनुसार, पोर्टल वाहन मालिकों के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में काम करने का वादा करता है, ताकि वे अपने नए इलेक्ट्रिक वाहनों को आरटीओ के साथ रजिस्टर्ड कराने के बारे में जानकारी प्रदान कर सकें. पोर्टल इस महीने लॉन्च हो सकता है. इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित किया जाएगा. दिल्ली में पुराने वाहनों में इलेक्ट्रिक किट लगाने की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए अब तक 11 कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. कंपनियों को इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजीज (आईसीएटी) और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने अप्रूव्ड किया है.

दिल्ली में बंद हैं पुरानी कार

इस साल मई में देश में सबसे ज्यादा 1.43 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन दिल्ली में हुए हैं. शहर में प्रदूषण को कम करने के प्रयास में दिल्ली सरकार ने दो साल पहले अपनी ईवी नीति की घोषणा की थी. शहर में 15 वर्ष से अधिक पुरानी पेट्रोल कारों या 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है. इस साल जनवरी में दिल्ली में करीब एक लाख डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया था.