भारतमाला परियोजना के तहत अंबाला से शामली के बीच बनने वाले सिक्सलेन एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन का रास्ता साफ हो गया है। अब प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत किसानों को नोटिस भेजकर बुलाया जा रहा है।
जिससे जमीन से संबंधित दस्तावेजों की जांच व अन्य औपचारिकताएं पूरी हो सके। यह सिक्सलेन एक्सप्रेस वे रादौर के 11 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके लिए करीब 250 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले किसानों से आपत्तियां भी मांगी गई थी। भारतीय किसान यूनियन ने भी जमीन अधिग्रहण को लेकर आपत्ति जताई थी। यूनियन के पदाधिकारियों की अोर से इस संबंध में ज्ञापन भी दिया गया था।
जिसमें कहा गया था कि जमीन का मुआवजा बाजार भाव से कम से कम चार गुना दिया जाए, नक्शे के अनुसार इस एक्सप्रेस वे के दोनों ओर पतंग नुमा आकार के छोटे-छोटे टुकड़े या कम जमीन बचेगी, उनका भी उचित मुआवजा दिया जाए। जिन किसानों के ट्यूबवेल सड़क के एक तरफ आ जाएंगे और जमीन दूसरी तरफ रह जाएगी।
परिवार के एक सदस्य को मिले सरकारी नौकरी
उनके खेतों में सिंचाई के लिए रास्ता दिया जाए। जिन किसानों की 50 प्रतिशत से ज्यादा जमीन अधिग्रहित की जाएगी, उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। ऐसे में अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई। यदि किसानों की यह आपत्तियां दूर नहीं हुई, तो अधिग्रहण प्रक्रिया में दिक्कत आ सकती है।
हालांकि परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि किसानों की आपत्तियां दूर कर दी गई है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की गई है। जिससे कोई भी दिक्कत नहीं आएगी।
इन गांवों से निकलेगा एक्सप्रेस वे
भारतमाला परियोजना के तहत अंबाला से शामली के बीच बनने वाला सिक्सलेन एक्सप्रेस वे रादौर के 11 गांवों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेस वे बापा, बापौली, बुबका, धानूपुरा, धौलरा, घिलौर, खुर्दबन, पोटली, रादौर, ठसका खादर व सिलिखुर्द गांवों से होकर गुजरेगा। जिसके लिए करीब 250 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। यह एक्सप्रेस वे 110 किमी लंबा है।