Nexon का लोहा खा गया जंग! अब नहीं रही सुरक्षित कार

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हाइलाइट्स

ग्लोबल एनसीएपी टॉप 5 रैंकिंग में महिंद्रा की एक एसयूवी.
कोई भी और देसी कंपनी नहीं बना सकी जगह.
पहली चार पोजिशन पर फॉक्सवैगन और स्कोडा का कब्जा.

नई दिल्‍ली. कारों को लेकर अब लोगों का नजरिया बदलता जा रहा है. जहां पहले लोग बजट कारों को पसंद किया करते थे और कार खरीदने के दौरान केवल माइलेज को पहली तवज्जो दी जाती थी, वहीं अब लोग सुरक्षित कारों को प्रायॉरिटी दे रहे हैं. लोगों के लिए कार के सेफ्टी फीचर और उनकी सेफ्टी रैंकिंग प्राथमिकता हो गई है. होना भी यही चाहिए, क्योंकि बढ़ते ट्रैफिक और तेज रफ्तार गाड़ियों के बीच हादसे होना आम बात हो गई है. ऐसे में एक सुरक्षित कार न केवल ड्राइवर बल्कि उस गाड़ी में बैठने वालों के लिए भी वरदान से कम नहीं होती है. इस मामले में अब तक टाटा की कारों का बोलबाला काफी लंबे समय से इंडियन ऑटोमोबाइल मार्केट में रहा था. टाटा पंच और नेक्सॉन जैसे कारों को मिली 5 स्टार सेफ्टी रैंकिंग मिली, जिसके बाद लोगों ने इन कारों को बेहद पसंद किया. माइक्रो एसयूवी और कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में इन दोनों ही कारों का जलवा रहा और ये टॉप सेलिंग कारों की लिस्ट में भी अपनी जगह बनाती दिखीं. लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने इसे पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. अब देश में बिकने वाली टॉप 5 सेफेस्ट कारों की ‌लिस्ट बदल गई है, चौंकाने वाली बात ये रही कि इसमें टाटा की एक भी कार ने जगह नहीं बनाई है. वहीं देसी कंपनी की बात की जाए तो महिंद्रा की एक एसयूवी ने इस लिस्ट में जगह जरूर बना ली है.

टाटा की कारों को ग्लोबल एनसीएपी की टॉप 5 लिस्ट में जगह नहीं मिलने के साथ ही हाल में लैटिन एनसीएपी की रेटिंग में एक और चौंकाने वाली जो बात सामने आई वो ये रही कि हैचबैक सेगमेंट में फ्रांसिसी कार निर्माता सिएट्रॉन की C3 कार जो लोग बेहद पसंद कर रहे थे उसे जीरो सेफ्टी रेटिंग मिली है. वहीं दुनिया भर में अपनी एसयूवी के लिए पॉपुलर कंपनी जीप की रेनेगेड को 1 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली.

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बदले कुछ नियम
ग्लोगल एनसीएपी ने अपने कुछ टेस्टिंग प्रोटोकॉल बदले हैं जिसके बाद से पहले जिन कारों को 5 स्टार रेटिंग की कैटेगरी में रखा गया था वे अब बाहर हो गई हैं. हालांकि नियमों में क्या बदलाव किए गए हैं इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है लेकिन ये जरूर है कि इन्हें और भी कड़ा कर दिया गया है. पैमाने पर गुजरने के लिए कुछ पॉइंट्स को बढ़ा दिया गया है और अब कारों को रैंकिंग पाने के लिए कई टेस्ट से गुजर कर पहले से ज्यादा नंबर स्कोर करने होते हैं.

कौन सी कारें टॉप 5 में

  • पहली पोजिशन पर फॉक्सवैगन वर्टूस ने जगह बनाई है. इस कार को एडल्ट सेफ्टी में 5 स्टार रेटिंग मिली है. वहीं चाइल्ड सेफ्टी में भी कार को 5 स्टार रेटिंग मिली है. कार ने 83 पॉइंट्स में से 71.71 नंबर प्राप्त किए हैं.
  • दूसरे नंबर पर स्कोडा की स्लाविया रही है. इसे भी चाइल्ड और एडल्ट सेफ्टी के मामले में 5 स्टार रेटिंग मिली है. इस कार ने भी वर्टूस की तरह ही 71.71 अंक प्राप्त किए हैं.
  • तीसरे नंबर पर फिर फॉक्सवैगन की कार ने अपना कब्जा बरकरार रखा है और ये टाइगुन रही है. टाइगुन को एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी में 5 स्टार रेटिंग मिली है. हालांकि पहली दो कारों के मुकाबले इस कार को कुछ कम अंक मिले हैं और ये 71.64 के स्कोर पर रही है.
  • चौथे पायदान पर स्कोडा की कुशाक रही है. इस कार को भी एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेंकिंग में 5 स्टार मिले हैं. वहीं 83 में से कार ने 71.64 अंक स्कोर किए हैं.
  • पांचवे पायदान पर देसी कंपनी महिंद्रा की स्कॉर्पियो एन ने अपनी जगह बनाई है कार को एडल्ट सेफ्टी में 5 स्टार और चाइल्ड सेफ्टी में 3 स्टार मिले हैं. कार ने कुल 58.18 अंक स्कोर किए हैं.

पहले कौन सी थी कारें

  • पहले टाटा पंच को एडल्ट सेफ्टी में 5 स्टार और चाइल्ड सेफ्टी में 4 स्टार मिले थे और कार ने कुल 57.34 अंक स्कोर हासिल किए थे.
  • दूसरे नंबर पर एक्सयूवी 300 रही थी और इस कार को भी एडल्ट सेफ्टी में 5 स्टार और चाइल्ड सेफ्टी में 4 स्टार की रेटिंग मिली थी.
  • तीसरे नंबर पर टाटा अल्ट्रॉज रही थी और इस कार को एडल्ट सेफ्टी के लिए 5 स्टार और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 3 स्टार मिले थे.
  • टाटा नेक्सॉन चौथे पायदान पर थी और इसे एडल्ट सेफ्टी के लिए 5 स्टार और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 3 स्टार मिले थे.
  • पांचवे पायदान पर महिंद्रा एक्सयूवी 700 रही थी और इस कार को एडल्ट सेफ्टी के लिए 5 स्टार और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 4 स्टार मिले थे.

समझिए ग्लोबल एनसीएपी
टूवर्ड्स जीरो फाउंडेशन ग्लोबल एनसीएपी के नाम से कारों की सेफ्टी चैक करने वाली संस्‍था चलाती है. ये एक चैरिटी ऑर्गनाइजेशन है. ये संस्‍था सभी कारों का क्रैश टेस्ट करती है. इस टेस्ट के लिए खास तौर पर कारों को कंपन‌ियों की ओर से दिया जाता है. इसमें ह्यूमन डमी का इस्तेमाल किया जाता है और एक निर्धारित रफ्तार पर कार को दीवार से टकराया जाता है. इस दौरान ये देखा जाता है कि कार के एयरबैग सहित दूसरे सेफ्टी फीचर्स किस तरीके से काम करते हैं. कार और गाड़ी में मौजूद ह्यूमन डमी को होने वाले नुकसान के आधार पर कार को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है.

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