Mahadev Betting App: बड़ी से बड़ी क्राइम वेब सीर‍िज भी इसके आगे फेल, जानें भिलाई का एक लड़का कैसे बना ‘बेट‍िंग क‍िंग’

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अग्निवेश शर्मा
महादेव ऐप ऑनलाइन बेटिंग केस की शुरुआत एक ग्रैंड वेडिंग से शुरू हुई, जिसमें बॉलीवुड के नामी-गिरामी चेहरों के साथ और कई हस्तियों ने शिरकत की थी. ये वही शादी है, जिसमें एक रिपोर्ट के मुताबिक, 200 करोड़ रुपये से भी ज्यादा पैसा पानी की तरह बहाया गया था. इस शादी में शाम‍िल होने के बाद ही सितारों पर जांच की आंच से सामना करना पड़ रहा है. यह महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी थी, जिसने महादेव बुक ऑनलाइन लॉटरी के नाम पर अवैध सट्टेबाजी का ऐसा मायाजाल बुना और जिसमें मायानगरी के सितारे फंस गए. मनी लॉन्‍ड्र‍िंग मामले से जुड़े इस मामले में अब ED ने बड़ा कदम उठाते हुए सेलेब्स को समन भेजना शुरू कर दिया है. इस कड़ी में सबसे पहला नाम अभिनेता रणबीर कपूर का सामने आया है, जिन्हें ED एजेंसी ने समन जारी करते हुए 6 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. रणबीर कपूर ने भी सौरभ चंद्राकर की शादी में शिरकत की थी.

माना जा रहा है कि पूछताछ में ED उनसे शादी में शामिल होने, परफॉर्म करने और पेमेंट से लेकर कई सवाल दाग सकती है. ऐसा नहीं कि सिर्फ रणबीर कपूर ही ED के टारगेट पर हैं. जानकारी के मुताबिक, बॉलीवुड से जुड़े कई बड़े नाम ED के रडार पर हैं, जिनसे आने वाले समय में ED पूछताछ कर सकती है. जिन सितारों पर शिकंजा कस सकता है, उन पर महादेव ऐप पर ऑनलाइन सट्टे का कारोबार करने वालों के साथ पैसों के लेनदेन का आरोप है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, महादेव ऐप के प्रमोटर की शादी में शामिल होने वाली हस्तियों को हवाला के जरिए करोड़ों का भुगतान किया गया था. साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के पैसों से विदेश और प्राइवेट जेट में खूब मौज मस्ती भी हुई थी. इस केस में ED ने बीते महीने कई शहरों में छापेमारी की थी, जिसमें करोड़ों की भारी-भरकम रकम के साथ ED को कई अहम इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी मिले थे.

Mahadev App Case: महादेव ऐप केस में रणबीर कपूर को क्यों किया गया तलब, ED को आखिर क्या है शक? सूत्रों ने बताया सब

महादेव बुक को ऑनलाइन सट्‌टे का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म माना जा रहा है, जिसका नेटवर्क कोलकाता, भोपाल, मुंबई समेत देश के कई राज्यों के अलावा दुबई और कई देशों में फैला है लेकिन इस ऑनलाइन अवैध सट्टेबाजी का खेल जहां से शुरू हुआ, वो है छत्तीसगढ़ का भिलाई शहर है. महादेव बुक का कर्ताधर्ता और इसकी नींव रखने वाला सौरभ चंद्राकर भिलाई का रहने वाला है, जिसने कोरोनाकाल से पहले दुबई से लिंक जुगाड़कर महादेव बुक की शुरुआत की और ऐसे कनेक्शन बनाए कि महादेव बुक सबड़े बड़ा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बन गया.

सौरभ चंद्राकर अकेला नहीं

इस खेल में सौरभ चंद्राकर अकेला नहीं है. सौरभ चंद्राकर का सबसे करीबी है रवि उत्पल, जिसे महादेव बुक में सेकंड मैन और सौरभ का राइट हैंड बताया जाता है. तीसरा बड़ा नाम है राज गुप्ता. इसे सौरभ चंद्राकर का मित्र कहा जा सकता है क्योंकि भिलाई में महादेव बुक की सबसे ज्यादा आईडी इसी के पास थे. भिलाई में महादेव की जड़ें जमाने के पीछे राज गुप्ता का ही दिमाग था. राज गुप्ता पहले 10 हजार रुपये महीने में कपड़े की दुकान में काम करता था. महादेव बुक में चौथा बड़ा नाम है नितिश दीवान. ये भी भिलाई के वैशालीनगर क्षेत्र का रहने वाला है. राज गुप्ता के जरिए इसकी मुलाकात सौरभ चंद्राकर से हुई थी. बताया जाता है कि सौरभ को नितिश इतना पसंद आया कि वो उसे अपने साथ दुबई ले गया, जहां उसने बड़े बॉलीवुड एक्टर्स के साथ मिलकर नया सट्‌टा ऐप लॉन्च कर डाला.

पाक‍िस्‍तानी और व‍िदेशी इंवेस्‍टर भी शाम‍िल
सौरभ चंद्राकर और उसके साथियों पर कई धाराओं में केस दर्ज हैं. अब तक की जांच में सामने आया है कि ऑनलाइन सट्‌टा किंग कहे जाने वाले सौरभ और रवि के पाकिस्तानियों से कनेक्शन हैं. दोनों ने दुबई पहुंचने के बाद दो पाकिस्तानियों से संपर्क किया और उन्होंने बिजनेस पार्टनर बनाकर ऑनलाइन सट्‌टे के कारोबार में करोड़ों रुपए निवेश कराए. कितना बड़ा है महादेव बुक का नेटवर्क ये भी जान लीजिए. महादेव बुक में जिन लोगों ने पैसा लगाया है उनमें 3 विदेशी इन्वेस्टर भी शामिल हैं, जिनका कनेक्शन पाकिस्तान और दुबई से है. 10 कारोबारी भारत के शामिल हैं, जिन्होंने महादेव बुक पर पैसा लगाया है. 2000 से ज्यादा युवक भिलाई-दुर्ग के रहने वाले हैं, जो इस नेटवर्क में जुड़कर काम कर रहे हैं. वैशालीनगर, शांतिनगर, कैंप, खुर्सीपार और जुनवानी से ही 500 से ज्यादा लड़के इस काम में जुड़े हैं. 2019 में शुरू हुए इस ऐप के पूरे देश में 35 लाख से ज्यादा यूजर हैं और 10 से ज्यादा राज्यों में महादेव बुक का जाल फैला है.

क्‍या-क्‍या हुए खुलासे
महादेव बुक की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है बड़े खुलासे हो रहे हैं और ताबड़तोड़ कार्रवाई को भी अंजाम दिया जा रहा है. उज्जैन में दर्ज केस के मामले की जांच के बाद सामने आया कि ऑनलाइन सट्टे के इस महानेटवर्क का पैसा इन्वेस्टमेंट में जा रहा है. उज्जैन में दर्ज केस के मामले की जांच के बाद सामने आया कि नेटवर्क का पूरा पैसा उद्योगपतियों के खाते में जमा किया जाता है. इसके लिए उद्योगपतियों को 10 से 12 प्रतिशत तक का कमीशन दिया जाता है. कारोबार का पैसा इंदौर के दो बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था. पुलिस की जांच में जितने भी बैंक अकाउंट नंबर सामने आए हैं, उनके सभी खाता मालिकों को नोटिस जारी किया है. पता ये भी चला है कि भिलाई में सौरभ और रवि से जुड़े कुछ लोग सट्‌टे के पैसे से जगदलपुर और यूपी में जमीन खरीदने और पेट्रोल पंप खोलने में निवेश कर रहे हैं. साथ ही भिलाई के कुछ सराफा कारोबारियों का पैसा भी महादेव बुक के ज़रिए हेरफेर किया जा रहा है. इसके अलावा निवेशकों का पैसा गोल्ड में तब्दील करके कोलकाता के रास्ते देश के अलग-अलग शहरों में पहुंचाया जा रहा है.

दुर्ग पुलिस महादेव बुक का नेटवर्क ध्वस्त करने में जुटी हुई है. अब तक महादेव बुक की कई ब्रांच को बंद कराया जा चुका है. 100 से ज्यादा गुर्गों को पकड़ा जा चुका है. 24 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश भी बैंकों में फ्रीज किया जा चुका है. कड़ियां धीरे-धीरे जुड़ती जा रही हैं और जांच के साथ साथ कार्रवाई आगे बढ़ती जा रही है. पुलिस के अलावा ED ने भी जांच की डायरी के पन्ने पलटने शुरू कर दिए हैं, जिसमें एक बड़ा नाम अभिनेता रणबीर कपूर का सामने आया है. कोई हैरत की बात नहीं होगी, जब आने वाले वक्त में कई और भी हस्तियां केंद्रीय जांच एजेंसी की चौखट पर नजर आ सकती हैं.

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