किसान आंदोलन के खत्म होने के बाद टोल प्लाजा पर टोल टैक्स के वसूली का काम शुरु हो गया है। लगभग सभी टोल प्लाजा शुरु हो चुके हैं और वाहन चालकों से अब पूरा टोल टैक्स वसूला जा रहा है।
वहीं टोल प्लाजा शुरू होने के बाद वाहन चालकों ने टोल बचाने के रास्ते भी खोज लिए हैं। ताकि टोल टैक्स के पैसे बच जाएं। अब मुख्य हाईवे से गुजरने की बजाय ग्रामीण रास्तों से वाहन निकलते दिखाई दे रहे हैं। टोल प्लाजा के नजदीक से ही कई रास्ते निकलते हैं।
नेशनल हाईवे-44 स्थित बसताड़ा गांव से रास्ते से ऊंचा समाना होते हुए वाहन नेशनल हाईवे पर आ रहे हैं। इसी तरह नेशनल हाईवे-709ए जींद रोड स्थित प्योंत टोल प्लाजा से पहले भी लोग गांव के रास्ते निकल रहे हैं।
इधर, स्थानीय लोग इसका विरोध जता रहे हैं। लोगों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि नवंबर 2020 तक इसी तरीके से वाहन निकलने के कारण कई लोग हादसों का शिकार हुए थे। पहले दिन बसताड़ा टोल प्लाजा पर वाहनों से 50 लाख रुपये टोल टैक्स एकत्रित हुआ है।
बसताड़ा निवासी हरि राम और विवेक का कहना है कि ग्रामीण रास्ते भारी वाहनों के लिए नहीं है। यहां पर 24 घंटे भारी वाहन टोल टैक्स बचाने के चक्कर में गुजरते हैं। ऐसे में उनकी सड़कें भी खराब हुई थी। अब एक साल से स्थिति ठीक थी, क्योंकि टोल प्लाजा बंद होने से सभी वाहन हाईवे से ही गुजरते रहे। लेकिन अब फिर वही समस्या सामने आई है।
बसताड़ा टोल प्लाजा पर टोल टैक्स महंगा होने के कारण वाहन चालक आसपास के जोखिम भरे रास्तों से वाहन निकाल रहे हैं। जिससे किसी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने मिट्टी डालकर वाहनों को रोकने का प्रयास किया है, लेकिन वाहन चालक मिट्टी के ऊपर से ही वाहन निकाल रहे हैं। एक तरफ मिट्टी की ऊंचाई दूसरी ओर रजवाहा है। जिस कारण हादसा हो सकता है।
एक साल से टोल बंद होने के कारण वाहन चालकों ने अपने फास्टैग रिचार्ज नहीं कराए हैं। इसे रिचार्ज करा लें, अन्यथा फास्टैग लेन से वाहन के गुजरने पर डबल टोल टैक्स वसूला जाएगा।