हरियाणा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है और इसका एलान उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किया है। उन्होंने कहा कि खेतों में आग लगने की घटनाओं पर विशेष गिरदावरी करवाई जाएगी। नुकसान का आकलन करके मुआवजा भी दिलाया जाएगा। डिप्टी सीएम सिरसा में चौटाला हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया और पार्टी गतिविधियों को लेकर चर्चा की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आम तौर पर 15 मई तक गेहूं की खरीद का काम किया जाता है, लेकिन इस बार प्रयास रहेगा कि ये काम 30 अप्रैल तक समाप्त कर लिया जाएगा और किसानों का भुगतान भी तुरंत कर देंगे। मंडियों में आई आवक की 50 प्रतिशत गेहूं का उठान करवा दिया गया है और गोदामों में पहुंचा दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि पूरे प्रदेश में गेहूं की खरीद बड़े ही व्यवस्थित तरीके से हो रही है।
जेजेपी के सदस्यता अभियान को लेकर कहा कि साढ़े चार लाख का लक्ष्य था, इस अभियान को अब 25 अप्रैल तक बढ़ाया गया है और उम्मीद है कि उससे भी ज्यादा करके दिखाएंगे। आम आदमी पार्टी की गतिविधियों पर उन्होंने कहा कि अच्छी बात है और हम भी कोई चुप थोड़े बैठे हैं।
एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हरियाणा में थे और अगर कोई नई पार्टी आ के कुछ करती है तो इसमें घबराने वाली क्या बात है और फिर राजनीतिक गतिविधियां करना तो हर पार्टी का अधिकार है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पूर्व सांसद अशोक तंवर पर तंज कसते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनको शुभकामनाएं हैं कि ये उनका तीसरा या चौथा दल है । अगर आगे स्टेबल रहेंगे तो अच्छा रहेगा।
एक पेंशन एक विधायक के पंजाब सरकार के फैसले के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पहले पंजाब सरकार ये साफ करे कि जो नए बने हैं। उनके लिए है या फिर जो पुराने विधायक है, उन पर भी ये लागू होगा। ये कानूनी बाते हैं जिसे बोलना बहुत आसान होता है।
पहले भी बहुत से राज्यों ने एक सरकार में कानून लागू किया और दूसरी सरकार में आते ही कानून बदल दिए गए। वहीं उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के 90 विधायकों में से 3 या 4 विधायक ही ऐसे हैं जो पुराने हैं। इसलिए उनको तो कोई ज्यादा नुकसान होने वाला नहीं।
कांग्रेस में चल रहे घमासान पर पूछे गए सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ढाई साल से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया है और कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर पार्टी को चलाया जा रहा है इससे ये बात पता चलती है कि जो पार्टी राष्ट्रीय तौर पर स्थिर नहीं है वो प्रदेश स्तर पर जिला स्तर पर और ब्लॉक स्तर पर भी स्टेबल नहीं हो सकती।