आज पानीपत आएंगे भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा: असंल वासियों के धरने में होंगे शामिल; लोगों से मिल कर समस्या जानेंगे पूर्व मुख्यमंत्री

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पानीपत5 मिनट पहले

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा।

हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा आज पानीपत पहुंचेंगे। वे हुड्‌डा सेक्टर 13-17 में पॉश एरिया में शुमार अंसल सुशांत सिटी में 30 दिनों से धरने पर बैठे लोगों से मिलकर उनकी समस्या जानेंगे। अंसल सुशांत सिटी में लोग मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसमें बिजली की कटौती से निजात पाने के लिए अलग से सब स्टेशन बनाने की मांग भी शामिल है।

जानकारी अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा दोपहर बाद 3 बजे अंसल सुशांत सिटी में धरने पर लोगों के बीच पहुंचेंगे। गौरतलब है कि अलग सब स्टेशन के लिए बिजली निगम इन लोगों से ही पैसों की मांग कर रहा है। किसी भी तरह बिजली निगम और असंल बिल्डर इस समस्या के हल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिससे परेशान होकर लोगों ने अब भूख हड़ताल शुरू की है। लोगों ने रविवार को दूसरे दिन सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू की है। लोगों ने नो लाइट नो वोट की चेतावनी भी दी हुई है।

112 करोड़ जमा, फिर भी 36 करोड़ की मांग
अंसल निवासी एडवोकेट सुरभि शर्मा ने बताया कि अंसल ने एचएसवीपी को ईडीसी और आईडीसी दोनों शुल्क जमा करवाए हुए हैं। आईडीसी यानी इंटरनल डेवलपमेंट चार्ज के तौर पर करीब 22-23 करोड़ जमा करवाए थे और ईडीसी यानी एक्सटनरल डेवलपमेंट चार्ज के तौर पर 112 करोड़ रुपए जमा करवाए जा चुके हैं। इसके अलावा अंसल ने पावर हाउस बनाने के लिए बिजली निगम के नाम जमीन तक पंजीकृत करवाई है। इसके बाद भी सरकार बिजली देने के लिए अंसल वासियों से 36 करोड़ रुपए मांग रही है। जो बिल्कुल गलत है।

चाहिए 33 केवी, 11 केवी से चला सकते हैं काम
एडवोकेट सुरभि ने बताया कि अंसल को 33 केवी सब स्टेशन की जरूरत है। फिलहाल 11 केवी से अस्थायी तौर पर काम चलाया जा सकता है। इस पर करीब 30 लाख खर्च होंगे। इसे भी अंसल के लोग देने को तैयार हैं, लेकिन बिजली निगम ने यहां 132 केवी का पावर हाउस का प्रोजेक्ट बनाया है।

जिससे अंसल के आसपास के एरिया को भी बिजली सप्लाई दी जा सके। इस पर करीब 36 करोड़ खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि जब हमें आवश्यकता ही 33 केवी की है तो हम 132 केवी के पैसे क्यों दें। इससे पहले जब 112 करोड़ जमा करवाए जा चुके हैं तो अब 36 करोड़ क्यों जमा करवाएं।

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