जींद। जिस गांव के मोहल्ले में जन्म लिया, जिन गलियों में खेल कर बड़ा हुआ, उन ग्रामीणों ने हत्या के मामले में संदेह से देखा, बेईज्जत किया, सफाई भी दी, लेकिन कोई सुनने वाला नही था। जिंदगी और मुकदमे के खौफ ने अधेड़ दंपत्ति तथा युवा बेटे को एक साथ जान देने के लिए मजबूर कर दिया। आखिरी गुहार युवा बेटे ने भगवान से लगाई और उसी के दरबार में पहुंचकर इंसाफ मांगने की बात कही। तीनों ने बारी-बारी से अपना दर्द मोबाइल में वीडियो रिकॉर्ड कर ब्यां किया। जिसमें गली, मोहल्ले, ग्रामीणों तथा रिश्तेदारों द्वारा किनारा किए जाने का दर्द भी सांझा किया।
आखिर में युवा बेटे ने घर में बंधी गाय को दाना पानी देने की अपील ग्रामीणों से की और साथ ही रोते हुए लोगों को वीडियो के माध्यम से कहा कि राम के घर जांऊ सूं, उस राम ने पूछूंंगा कि यह कैसा इंसाफ है कि जिसने हत्या नहीं की, फिर भी इल्जाम मेरे उपर लगा। जिसे सहन नहीं कर सकता। मेरे बाप ने कभी मेरी मां को गाली नहीं दी। उन्होंने मेरी मां को गालियां दी। मैं अपने मां-बाप की सेवा करना चाहता था।
उस राम से पूंछूगा मेरा न्याय क्यों नहीं, जिसके बाद वीडियो को फेसबुक अकाउंड पर अपलोड कर दिया और मां-बाप के साथ फांसी के फंदे पर झूल गया। मामला है जींद जिले के अंतिम छौर के गांव धनोरी का। जहां पर ओमप्रकाश (48), उसकी पत्नी कमलेश (45) और बेटे सोनू ने (20) फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तीन सदसीय परिवार द्वारा एक साथ आत्महत्या किए जाने का मामला चर्चा का विषय बना रहा।
लगभग एक माह पहले मृतक के छोटे भाई ने भी आत्महत्या की थी। गढी थाना पुलिस ने मृतक के ताऊ के बेटे की शिकायत पर महिला समेत आठ लोगों को नामजद कर कुछ अन्य के खिलाफ लडाई झगड़ा करने, गाली गलौच करने, आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना का सुबह उस समय पता चला जब मृतक ओमप्रकाश का भतीजा नरेश उनके घर पहुंचा। फांसी के फंदे पर लटकी कमलेश के सुट से ससुसाइड नोट भी चिपका हुआ था। जिसमें गली तथा ग्रामीणों को अपराधी की नजर से देखने और हत्या का झूुठा संदेह जताने का उल्लेख किया गया था।
आत्महत्या से पूर्व सोनू ने हत्या के झूठे आरोप की वीडियो बनाई फिर अपने बाप ओमप्रकाश व मां कमलेश की भी वीडियो बनाई। जिसमें तीनों खुद को बेकसूर बता रहे हैं और ग्रामीणों के रवैये से खफा हैं। रिकार्ड की गई वीडियो को सोनू ने अपने फेसबुक अकांउट पर अपलोड किया हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि तीनों ने अल सुबह दो से अढाई के बीच फांसी लगाई है। मरने से पहले ओमप्रकाश के बेटे सोनू द्वारा करीब चार साढ़े चार मिनट की सात वीडियो फेसबुक पर डाली गई हैं। यह वीडियो रात करीब साढ़े तीन बजे डाली गई हैं। इससे साफ है कि परिवार रात भर सोया नहीं और जिंदगी व मौत के चुनाव में जगता रहा। आखिरकार करीब चार बजे परिवार ने प्रताड़ना से तंग आकर मौत का चुनाव किया।
मामले ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मरने से पहले सोनू ने पुलिस पर कई सवाल उठाए हैं। इसके अलावा सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं, मेरे माता-पित कातिल नहीं है। न ही हमें पता है कि ननू का मर्डर किसने किया है। वहीं परिजनों ने थाना प्रभारी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग को लेकर तीनों शव गढ़ी थाना के बाहर रख दिए और जींद-खनौरी मार्ग को जाम कर दिया। सोशल मीडिया पर डाली गई वीडियो में परिवार के लोग पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहे हैं।
परिजनों इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर में गढ़ी थाना प्रभारी पवन कुमार का नाम भी शामिल करने की मांग की है। इसको लेकर परिजनों ने शव उठाने से मना कर दिया। मरने वाले परिवार के सभी लोगों ने कहा है कि ननू की हत्या के मामले में पूरे गांव उनकी गली ने उनका साथ छोड़ दिया। लोग उन्हें शक की नजर से देखते हैं। ऐसे में उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला लिया है। घटना से जहां लोग स्तब्ध हैं, वहीं पुलिस पर भी उंगलियां उठ रही हैं। घटना में ओमप्रकाश का पूरा परिवार समाप्त हो गया।
ओमप्रकाश के साले फतेहाबाद जिले के जांडली खुर्द गांव निवासी रामकिशन ने बताया कि घर में उनका जीजा ओमप्रकाश, उनकी बहन कमलेश व भांजा सोनू ही थे। इसके अलावा रामकिशन का आरोप है कि तीनों की हत्या कर शव फंदे पर लटकाए गए हैं। पुलिस ने उसके भांजे सोनू को काफी प्रताड़ित किया। इसके अलावा उसकी बहन कमलेश को भी थाने ले जाया गया। इससे परिवार आहत था। रामकिशन का कहना है कि उसके दूसरे जीजा बलराज की भी हत्या की गई थी।
वहीँ सोशल मीडिया पर डाली गई वीडियो में सोनू बता रहा है कि रात को करीब आठ बजे भी उनके दरवाजे पर हमला हुआ। इस पर उसने पुलिस को फोन किया। गढ़ी पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कार्रवाई करने की बजाये उसको ही धमकाया। वीडियो में सोनू कह रहा है कि उसने पूरे ब्यान बिना शराब पीये दिए हैं और अब वह शराब पी चुका है। सोनू कहता है कि उसकी मजबूरी है। बिना शराब पीए वह यह कदम नहीं उठा सकता। सोनू ने एक वीडियो अपनी गाय के साथ भी डाली है। इसमें वह ग्रामीणों व अपनी गली के लोगों से अपील कर रहा है कि उन्होंने उसके साथ जो किया, वह किया, लेकिन उनके बाद गाय का ख्याल जरूर रख लेना।
एएसपी कुलदीप सिंह ने कहा कि हां परिजन पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन अभी ऐसे कोई भी तथ्य सामने नहीं आए हैं। सुसाइड नोट व वीडियो के आधार पर सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।
यह लिखा सुसाइड नोट में
सुसाइड नोट में सोनू ने लिखा कि मैं मेरे माता-पिता कातिल नहीं हैं और न ही हमें पता नन्हू का मर्डर किसने किया है। मैं मेरे माता-पिता नन्हु के घर वालों की डर से मर रहे हैं। घर वाले नन्हु की बहू मेवा, काला, मुनी, काला का लड़का, मुनी का लड़का, भीम के दोनों लड़के। अंकित के मारपीट की वीडियो घर पर कैमरे में रिकॉर्ड है। मेरी मौत के जिम्मेवार पूरी गली वाले हैं क्योंकि उन्होंने सच की गवाही नहीं दी। पूरी गली नन्हु के पक्ष में है। आज की वारदात पूरी गाल में जागीनाथी की बहू ने गवाही दी थी। वो गली में किल्की मार रही थी तो उसका नसीब की बहू उसे खींच कर ले गई। मुझे अपनी जिंदगी बहुत प्यारी थी, लेकिन गांव वालों का एक तरफा होने के कारण में जिंदगी खो रहा हूं। मैने जो एसएचओ काे ब्यान दिया वो सब सच है।
मैं और मेरे माता पिता नन्हु के घर वालों के डर से मर रहे हैं। हमारा नन्हु की हत्या में कोई हाथ नहीं है। हम आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि पूरा गांव हमें अपराधी मान रहा है। आज काला का लड़का अंकित हमारे घर पर लड़ाई करने आया था उसने शराब पी रखी थी और बोल रहा था कि मैं सोनू को जान से मांरूगा और मकान पर ईंट मारने लगा। मैंने पुलिस को फोन किया पुलिस ने आकर हमें ही धमकाया कि तुम झूठ बोल रहे हो और इस वारदात को पूरी गली देख रही थी किसी ने भी गवाही नहीं दी। अंकित हमारे घर मारपीट करने आया है। भगवान करे इस गली का नाश हो।
सोनू द्वारा मोबाइल पर अपलोड की गई वीडियो में नन्हू की हत्या के मामले में अपने ताऊ बलराज को भी संदेह के दायरे में लाता है जो लगभग एक माह पहले खेत में कीटनाशक दवाई पीकर आत्महत्या का चुका है। साथ ही सोनू गांव के ही भीम के बेटे तथा नन्हू की बहू को संदेह के दायरे में लाता है। वीडियो में सोनू कहता है कि नन्हू के साथ भीम परिवार का आंकडा छतीस का रहा है।
अब नन्हू की हत्या के मामले में भीम का बेटा आगे चलकर उन्हें निशाना बना रहा है। नन्हू खुद शराब निकालता था और शराब पीता भी था। नन्हू उसकी पत्नी के साथ मारपीट भी करता था। पुलिस उससे नन्हू की हत्या के बारे में क्लू पूछती थी। भीम के बडे बेटे तथा नन्हू की बहु भी हत्या में शामिल हो सकते है। जिनकी जांच की जानी चाहिए।
सोनू ने अपने परिवार के साथ वीडियो बनाकर अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड तो किया। साथ में उसके मां बाप के कमरे में मोबाइल फोन को भी इस तरीके से सैट किया गया था कि दोनों के फांसी लगाने की घटना लाइव हो जाए। फारेंसिक टीम जब मौके पर पहुंची तो खूंटी के साथ मोबाइल फोन भी लटक रहा था। जिसकी बैटरी खत्म हो चुकी थी। सोनू के मां-बाप ने चूनी तथा रस्सी से फंदा बनाया हुआ था। जिन्होंने कुर्सी पर खडे होकर फांसी का फंदा लगाया। जबकि सोनू ने बरामदे में रखी सीढ़ी पर चढ कर फांसी लगाई। मृतका कमलेश की स्वैटर के साथ तीन पेज का सुसाइड नोट टैग किया गया था। जिसके लिए बकायदा तार के बनाए हूक का सहारा लिया गया।
मृतक सोनू के ताऊ के बेटे नरेश ने बताया कि मंगलवार देर शाम को उसके चाचा ओमप्रकाश के घर के दरवाजों पर लात तथा ईंटे मारी गई थी। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी, जब पुलिस मौके पर पहुंची तो गली तथा मौहल्ले के लोगों ने इस प्रकार की किसी भी घटना न होने की बात कही। हत्या के झूठे आरोप से पहले ही उसका चाचा ओमप्रकाश परिवार परेशान था। कोई साथ नहीं दे रहा था, पुलिस भी लगातार ओमप्रकाश परिवार पर दबाव बनाए हुए थी।
शाम को भी मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने उलटे ओमप्रकाश परिवार को धमकाया था। एएसपी कुलदीप सिंह ने बताया कि फोरेंसिक एक्सपर्ट टीम की सहायता से सबूतों को जुटाया गया है। मोबाइलों, सुसाइड नोट समेत अन्य साक्ष्यों को कब्जे में ले लिया गया है। पुलिस की मामले में भूमिका कैसी रही है इसकों भी जांच में शामिल किया जाएगा। विभिन्न एंगलों से मामले की जांच की जा रही है।
मामला कुछ इस प्रकार सामने आया कि 35 दिन पहले गांव के ही नन्हू का शव गांव हसंडर ड्रेन के निकट कट्टे में बंद मिला था। गले में तार बंधा हुआ था। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। जिसके बाद संदेह के दायरे में ओमप्रकाश परिवार आ गया था। लगभग एक माह पहले ओमप्रकाश के छोटे भाई बलराज ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी। नन्हू के परिजनों द्वारा संदेह जताए जाने पर पुलिस भी ओमप्रकाश परिवार से पूछताछ कर रही थी। गली के लोग तथा ग्रामीण भी ओमप्रकाश परिवार को संदेह की नजर से देख रहे थे। जिसके चलते ओमप्रकाश परिवार अच्छा खासा खफा था।