मुंबई. जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में एएसआई सहित चार लोगों की हत्या करने के आरोपी आरपीएफ जवान चेतन सिंह को लेकर रेलवे पुलिस का कहना है कि उसके वॉयस सैंपल को जांच के लिए दिल्ली के फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में भेजा गया है. सूत्रों के मुताबिक यात्रियों के मोबाइल से बने वीडियो और फोटोज को भी रेलवे पुलिस ने जांच के लिए फोरेंसिक में भेजा है. इसके जरिए जीआरपी यह जानना चाहती है कि यात्रियों द्वारा ट्रेन में बनाए गए वीडियो के जो आवाज है, वो चेतन सिंह की ही है या नहीं. अगर वॉयस सैंपल के माध्यम से आवाज का मिलान हो जाता है तो चेतन सिंह पर शिंकजा और भी मजबूत हो जाएगा.
पुलिस द्वारा अदालत में दिए रिमांड पेपर के मुताबिक, सिपाही चेतन सिंह के साथ-साथ ASI मीना, कांस्टेबल अमेय आचार्य और नरेंद्र परमार के कॉल डेटा रिकॉर्ड को खंगाला गया, जिसमें यह साफ हुआ है कि नालासोपारा में तैनात आरपीएफ कांस्टेबल कुलदीप राठौड़ ने अमेय आचार्य को कॉल करके सबसे पहले ASI मीना को चेतन सिंह द्वारा गोली मारने की जानकारी दी थी. रिमांड कॉपी के मुताबिक जीआरपी को आरोपी चेतन सिंह के पूरे मेडिकल जांच की रिपोर्ट का इंतजार है. चेतन सिंह का पूरी मेडिकल जांच कूपर अस्पताल में कराई गई है और इस रिपोर्ट के आने के बाद ही यह साफ होगा कि उसका मेंटली डिस्टर्ब होने का दावा कितना सही है.
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100 लोगों के बयान दर्ज
रिमांड कॉपी के मुताबिक जीआरपी ने अब तक जिन 100 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, उसमें आरपीएफ के दो जवानों के अलावा ट्रेन मैनेजर, लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, टीसी और पैंट्री कार में काम करने वाले कई कर्मचारी शामिल हैं. इन लोगों का बयान बेहद ही अहम है. रिमांड कॉपी के मुताबिक लोअर परेल के जिस बैरक में चेतन सिंह रहता था, वहां उसके साथ रहने वाले आरपीएफ जवानों का जीआरपी ने बयान दर्ज किया है। अपने इस बयान में इन जवानों ने चेतन सिंह के व्यवहार और बैठक में उसके रहन-सहन का जिक्र किया है. रिमांड कॉपी के मुताबिक जीआरपी अभी भी घटना के समय ट्रेन में मौजूद कई यात्रियों और रेलवे स्टाफ से संपर्क करके उनका बयान दर्ज करने की कोशिश कर रही है.
गोलीकांड का वीडियो तलाश रही पुलिस
गोलीकांड की घटना के बाद ट्रेन में मौजूद कई लोगों ने अपने मोबाइल में चेतन सिंह का वीडियो बनाया था. उनकी तलाश जीआरपी अब भी कर रही है, ताकि उनसे वीडियो अपने कब्जे में लेकर उसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सके. इन वीडियो के मिलने के बाद आरोपी से पूछताछ करने की तैयारी में है जीआरपी, लेकिन अभी भी कई ऐसे यात्री, जिन्होंने वीडियो बनाया था, वो जीआरपी की पहुंच से बाहर हैं.
गवाह नहीं आ रहे सामने
रिमांड कॉपी के मुताबिक ट्रेन गोलीकांड की घटना होने के बाद कई गवाह अब भी डरे हुए हैं. जीआरपी को उनके नामों की लिस्ट तो मिल गई है, लेकिन उन गवाहों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इनमें से कुछ ऐसे गवाह हैं, जिनके सामने चेतन ने ASI मीना और 3 यात्रियों को गोली मारी थी. उनकी तलाश में जीआरपी जुटी हुई है. गोलीकांड को अंजाम देने के पहले और बाद में आरोपी ने अपने फोन से कई लोगों से बातचीत की थी. उन लोगों की तलाश करने में जीआरपी जुटी हुई है, ताकि पता लगाया जा सके कि चेतन सिंह ने उनसे क्या बातचीत की थी.
परिवार वालों ने बेटे को बताया मानसिक रोगी
रिमांड कॉपी के मुताबिक जीआरपी को चेतन सिंह के परिवार ने उसके मानसिक इलाज के जो दस्तावेज दिए हैं, उसकी जांच डॉक्टरों द्वारा की जा रही है. डॉक्टरों की सलाह और उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ होगा कि क्या वाकई चेतन सिंह का दिमागी इलाज चल रहा था और अगर चल रहा था तो कब तक. रिमांड कॉपी के मुताबिक जीआरपी आरोपी चेतन सिंह के घर हाथरस और मथुरा में उसके दोस्तो से पूछताछ करने की तैयारी में है, ताकि आरोपी से जुड़े तमाम सवालों के जवाब उन्हें मिल सके. इसके लिए जीआरपी की एक टीम हाथरस और मथुरा जा सकती है.
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Tags: Crime News, Indian railway, RPF
FIRST PUBLISHED : August 09, 2023, 10:19 IST