दुनिया में कई ऐसे राजा और शासक हुए हैं जिन्होंने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी। लेकिन इतिहास में ऐसी कई रानियां भी हुई हैं जिन्होंने अपने जीवन में ऐसे कुकृत्य किए जिसके कारण उनकी गिनती क्रूर रानियों में गिना जाता है। उन्हीं में से एक थी एलिजाबेथ बाथरी। एलिजाबेथ बाथरी हंगरी साम्राज्य के अमीर घराने से ताल्लुक रखती थी। उसकी शादी फेरेंक नैडेस्टी नाम के शख्स से हुई थी। एलिजाबेथ के सिर पर एक अजीब सा जुनून सवार था। और वह जुनून था जवान दिखना। इस जुनून ने उसे कातिल बना दिया।
एलिजाबेथ बाथरी को एक खूंखार महिला सीरियल किलर के तौर पर जाना जाता है। जिसने अपनी जवानी को बरक़रार रखने के लिए 650 से ज्यादा कुंवारी लड़कियों की हत्या कर उनके खून से स्नान किया। कोई उसे खूंखार सीरियल किलर कहता है, तो कई लोग उसे ‘द ब्लड काउंटेस’ के नाम से जानते हैं, तो वहीं कोई यह कहता है कि वो महिला तो ‘ड्रैकूला’ की जैसी थी। वैसे वह किसी ड्रैकुला से कम भी नहीं थी। सुंदर दिखने का ऐसा पागलपन सवार था कि वह कुंवारी लड़कियों के खून से नहाती तो थी ही, खून पीने भी लगी थी।
तो चलिए बताते हैं एलिजाबेथ के सीरियल किलर बनने की शुरुआत कहा से हुई थी। ये बात 16वीं सदी की है, एलिजाबेथ के घर में ढेरों नौकर-चाकर थे। हर तरह का ऐशो-आराम। एक दिन नौकरानी उसके बाल बना रही थी, तभी कंघी में कुछ बाल उलझे और थोड़ा ज़ोर से खिंच गए। एलिज़ाबेथ आग-बबूला हो गई। पलटकर कम उम्र की उस नौकरानी को इतनी बेरहमी से मारा कि उसके जिस्म से खून निकलने लगा। थोड़ा खून एलिज़ाबेथ के हाथ पर लगा रह गया।
जब एलिजाबेथ ने खून साफ कर लिया तो उसे महसूस हुआ कि हात में जिस हिस्से पर कुंवारी नौकरानी का खून लगा रह गया था, वह शरीर की बाकी त्वचा से थोड़ा ज्यादा निखर गया है। बस फिर क्या था, इसके बाद तो उस पर पागलपन सवार हो गया। जवान और खूबसूरत दिखने के लिए वह कुंवारी लड़कियों के खून से न सिर्फ नहाने लगी, बल्कि उनका खून भी पीने लगी। अपने इस फितूर को पूरा करने के लिए उसने सैकड़ों लड़कियों की बेरहमी से हत्या करवा दी।
एलिजाबेथ बाथरी ने अपने जीवन में 650 क़त्ल किए। अपनी जवानी को बरकरार रखने के लिए वह अपने शिकार को तड़पा तड़पाकर मारती थी। हत्या के पहले वह उन लड़कियों के नाजुक अंगों को जला दिया करती थी। एलिजाबेथ की हैवानियत के चलते लगातार लड़कियों की सख्या में कमी होने लगी। जब कुछ लड़कियां उससे बचकर भागी तो गांव वालों को उसकी असलियत का पता चला। साल 1610 में हंगरी के राजा ने उसे गिरफ्तार करवाया था, जहां कैद में करीब 4 साल बाद उसकी मौत हो गई थी।