पंचकूला के मनसा देवी मंदिर का दृश्य,नवरात्र के पहले दिन ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ | Latest News | Viral Haryana |

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शक्ति की उपासना का महापर्व  नवरात्रि आज से शुरू हो गया है। अगले नौ दिनों तक भक्त, मां के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करेंगे। देवी मंदिरों में ब्रह्म मुहुर्त से ही पूजा करने के लिए भक्तों की कतारें लग गईं। इस दौरान मंदिर परिसर मातारानी के जयकारों से गुंजायमान रहे। भक्त मां के गीत गुनगुनाते दिखे तो वहीं रास्तों में भी जगह-जगह भक्ति के गीत बज रहे थे। घंटे और घड़ियालों के बीच मंदिरों में वातावरण धर्ममय बना हुआ है। घरों में भी मातारानी का पूजन अर्चन कर मनौतियां मांगी गईं। कोरोना संक्रमण के दौरान लगी पाबंदियों के कारण दो वर्षों बाद इस बार बिना किसी पाबंदी श्रद्धालु, मंदिरों में माता के दर्शन पूजन कर रहे हैं।पंचकूला के मनसा देवी मंदिर का दृश्य देखने मिला जहां पर भगतो की भीड़ लगी हुई थी । पुरे नवरात्री इस तरह की भीड़ देकने को मिलेगी। लोग  श्रद्धा भाव से मंदिरो में पहुँच रहे है।शहरों  में  नवरात्रि की तैयारियां  पूरी हो चुकी थीं। प्रमुख देवी मंदिरों को सजाया  गया है। चुनरी, नारियल आदि पूजन सामग्री की दुकानें सजी हुई हैं। इस वर्ष नवरात्रि पूरे नौ दिनों की है। कोई तिथि न कम है और न वृद्धि  है। शुभ संयोगों के कारण ये नवरात्रि संतुलन को बनाए रखने वाली और समाज में सौम्यता लेकर आएगी। नवरात्रि का समापन 10 अप्रैल को होगा।

पंडित  के अनुसार, बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्र कहा जाता है। इस दौरान हर दिन मां के नौ अलग-अलग रूपों मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। नवें दिन ही हवन के बाद कन्या पूजन होता है। नौ दिनों तक विधि-विधान से व्रत करने वाले श्रद्धालु 10वें दिन पारण करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्र के नवनी तिथि को ही भगवान राम का जन्म हुआ था।

पंडित  के अनुसार, महानिशा पूजा बलिदान के लिए आठ अप्रैल का दिन मान्य रहेगा। इस दिन सप्तमी तिथि का मान आठ बजकर 29 मिनट तक पश्चात रात में अष्टमी है। इसी रात में महानिशा पूजा और देवी के निमित्त बलिदानादिक क्रियाएं संपन्न की जाएंगी।  नौ अप्रैल दिन शनिवार को महाष्टमी का व्रत किया जाएगा। इस दिन अष्टमी तिथि का मान रात्रि 10 बजकर 26 तक रहेगा। सूर्योदय की तिथि में अष्टमी होने से और अर्धरात्रि में नवमी का संयोग होने से महाष्टमी व्रत के लिए यह दिन पूर्ण प्रशस्त रहेगा।

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