सिर्फ ड्राइविंग लाइसेंस से नहीं चलेगा काम, अब ये दस्तावेज भी हुआ जरूरी

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हाइलाइट्स

पहाड़ों में कार चलाने के लिए ये लाइसेंस हुआ जरूरी.
दुर्घटना में रद्द हो सकता है इंश्योरेंस क्लेम.
जानिए क्या है हिल ड्राइविंग लाइसेंस.

नई दिल्ली. लोग अक्सर वीकेंड या लंबी छुट्टियों के दौरान घूमना फिरना पसंद करते हैं. कई लोग छुट्टियों के दौरान हिल स्टेशन या पहाड़ी इकलों में घूमने निकल जाते हैं. पहाड़ी इलाकों में शहरों की तरह शोर-शराबा नहीं होता और मौसम भी मन को सुकून देने वाला होता है. हालांकि, अगर आप भी इस वीकेंड पर अपनी कार से किसी हिल स्टेशन पर छुट्टियां बिताने का प्लान बना रहे हैं तो आपको एक नियम के बारे में जानना बेहद जरूरी है.

दरअसल, उत्तराखंड स्टेट कमीशन ऑफ़ कंज्यूमर ग्रीवांस रिड्रेसल ने एक महत्वपूर्ण नियम पारित किया है. इस नियम के तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ‘हिल रोड एंडोर्समेंट’ के बगैर पहाड़ी सड़कों पर दुर्घटनाओं के मामलों में इंश्योरेंस कवर नहीं मिलेगा. पहाड़ी क्षेत्रों में वाहन चालकों को चेतावनी देने के लिए इस नियम को लाया गया है. आयोग के अनुसार दुर्घटनाओं की स्थिति में इंश्योरेंस कवरेज सुनिश्चित करने के लिए लाइसेंस नियमों के अनुपालन की आवश्यकता होगी.

इस दुर्घटना के बाद सामने आया नियम
इस मामले में सबसे पहले 2022 में राज्य आयोग ने सामने लाया. जानकारी के मुताबिक, नैनताल से लौटते समय एक इंश्योर्ड टैक्सी 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई. इसके बाद टैक्सी मालिक ने बीमा के लिए दावा दायर किया. हालांकि, ड्राइवर लाइसेंस के साथ अनिवार्य ‘हिल रोड एंडोर्समेंट’ नहीं होने के वजह से उत्तराखंड राज्य आयोग ने बीमा दावे को खारिज कर दिया.

नैनीताल में भी होगा लागू
बता दें कि नैनीताल पुलिस भी अन्य राज्यों से आने वाले वाहन चालकों को इस नियम के प्रति जागरूक करने की योजना बना रही है. इसे आगामी पर्यटक सीजन से पूर्व लागू किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, क्षेत्रीय पुलिस पर्वतीय इलाकों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हिल ड्राइविंग लाइसेंस को लागू करने की योजना बना रही है. सामान्य तौर पर यह नियम प्राइवेट वाहनों पर लागू नहीं होगा.

Tags: Auto News, Cars, Driving Licence

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