बीते कुछ महीनों के दौरान दुनिया में इलेक्ट्रिक कारों के लिए माहौल काफी बदला है. इलेक्ट्रिक कारों के लिए सबसे जरूरी लिथियम ऑयन बैटरी की कीमतों में कमी आई है दूसरी तरफ कई नई तकनीकें इजाद हुई हैं. इस कारण दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कारों के दाम घट रहे हैं. आज की कहानी एक ऐसी ही इलेक्ट्रिक कार कंपनी है जिसने इस साल के बीते नौ महीनों के दौरान कीमतों में भारी कटौती की है. इस कंपनी की कारें इस वक्त दुनिया भर में सबसे बेहतरीन इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं. लेकिन, इसने केवल इस साल अपनी गाड़ियों की कीमत में 10 लाख रुपये तक की कटौती की है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं दुनिया की एक सबसे हाईटेक कंपनी टेस्ला की. टेस्ला की पहचान दुनिया में सबसे एडवांस तकनीक वाली इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी के तौर पर है. लेकिन, कंपनी अब लगातार अपनी गाड़ियों की कीमत घटा रही है. बीते सप्ताह ही इसने अपने विभिन्न मॉडल की कीमत में एक से दो लाख रुपये तक की कमी की. रिपोर्ट के मुताबिक बीते नौ माह में इस कंपनी ने अब तक सात बार कीमतें घटा चुकी हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ला ने बीते सप्ताह अपने सबसे लोकप्रिय मॉडल 3 और मॉडल वाई की कीमतों में 4.2 फीसदी तक की कटौती है. इस वक्त अमेरिकी बाजार में मॉडल 3 की कीमत घटकर 38,990 डॉलर हो गई है. भारतीय रुपये में यह कीमत करीब 32.50 लाख रुपये के करीब होगी. इस मॉडल पर कंपनी ने 1250 डॉलर यानी करीब एक लाख पांच हजार रुपये की कटौती की है. रिपोर्ट के मुताबिक केवल इस साल मॉडल-3 की कीमत में करीब 17 फीसदी और मॉडल वाई की कीमत में करीब 25 फीसदी तक की कटौती हुई है. अगर हिसाब लगाया जाए यह रकम भारतीय रुपये में करीब 10 लाख के आसपास बैठेगी. यानी बीते नौ महीनों के दौरान टेस्ला ने अपनी विभिन्न इलेक्ट्रिक कारों की कीमत में 10 लाख रुपये तक की कटौती की है.
क्यों घट रही कीमत
दरअसल, इलेक्ट्रिक कारों की कीमत में कटौती के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. वैश्विक स्तर पर तेजी से इलेक्ट्रिक कार बाजार बदल रहा है. अब पारंपरिक कार कंपनियां आक्रामक रूप से इलेक्ट्रिक कार बाजार में उतर रही हैं. दूसरी तरफ चीन में बीवाईडी (BYD) कंपनी ने तहलका मचा रखा है. यह चीन और दुनिया की एक सबसे बड़ी कार कंपनी है. इसने चीन में बेहद कंप्टेटिव प्राइस पर इलेक्ट्रिक गाड़ियां उतारी है. जबकि टेस्ला के लिए भी चीन एक बड़ा मार्केट है. ऐसे में टेस्ला को कीमतें कम करने को मजबूर होना पड़ा है. बीते अगस्त में टेस्ला ने मॉडल वाई की कीमत में 1900 डॉलर यानी 1.50 लाख रुपये से अधिक की कटौती की थी. मौजूदा स्थिति में टेस्ला दुनिया भर में हर माह औसतन 1.5 लाख इलेक्ट्रिक कारें बेचती है. उसका लक्ष्य इस साल 18 लाख से अधिक कारें बेचने का है. दूसरी तरफ उसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में कड़ी टक्कर मिल रही है. इस कारण उसने कीमतों में कटौती है.
भारत में कब घटेंगी
रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक कार क्रांति चल रही है. चीन और यूरोप में तो इसने रफ्तार पकड़ ली है. बीते दिनों आई एक शोध रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 2030 तक यूरोप में बिकने वाली हर तीन में से दो गाड़ियां इलेक्ट्रिक होंगी. इतना ही नहीं यूरोप के कई देश 2030 तक पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री बढ़ने के पीछे लिथियम ऑयन बैटरियों की कीमत में कमी सबसे बड़ी वजह है. इस वक्त वैश्विक बाजार में एक kWh लिथियम ऑयन बैटरी की कीमत 100 डॉलर के आसपास है जो किसी भी इलेक्ट्रिक कार की कीमत को उसके समकक्ष पेट्रोल-डीजल कारों के बराबर लाने के लिए उचित बताई जा रही है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि वैश्विक बाजार में लिथियम ऑयन बैटरी की कीमत में कटौती का असर भारत पर भी पड़ेगा. भारत फिलहाल के लिए पूरी तरह बैटरियों के आयात पर निर्भर है. अगर कंपनियां सस्ते दाम में बैटरियां खरीदेंगी तो वह इसका फायदा ग्राहकों को भी देंगी.
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Tags: Electric Car
FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 17:28 IST
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