लाठी डंडे और भाले के साथ पहुंचे बदमाश, पहले लाठियों से किया हमला फिर घोंप दिया भाला

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गोविंद कुमार/ गोपालगंज. जिला के चर्चित मछली पालक किसान घनश्याम मिश्रा उर्फ भोला की हत्या का दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है. किसान और उसके भाई पर हमला करने के लिए 10 से 12 की संख्या में दबंग पहुंचे थे और ये सभी लाठी-डंडा, रॉड और भाला से लैस होकर पहुंचे थे. बदमाशों ने घनश्याम पर पहले डंडे से हमला किया, जब बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े तो पेट में भाला घोंपकर निर्मम तरीके से जान ले ली. वहीं, मृतक के भाई मंटू मिश्रा को मरा समझकर छोड़कर फरार हो गए. हत्या का वीडियो सामने आने के बाद विजयीपुर थाने की पुलिस ने भी हमलावरों की पहचान शुरू कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी है. एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि हथुआ एसडीपीओ अनुराग कुमार के नेतृत्व में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. मुख्य आरोपी बीरबल यादव और संजय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. एसपी ने कहा कि अन्य अभियुक्तों की भी जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी.

पांच नामजद और 12 अज्ञात पर दर्ज हुई है प्राथमिकी
पुलिस ने मृतक घनश्याम मिश्रा उर्फ भोला के भाई जन्मेजय मिश्र उर्फ मन्टुन मिश्र के बयान पर पांच नामजद समेत 12 अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है. हत्या की वजह तालाब की जमीन का विवाद बताया गया है. परिजनों का आरोप है कि 25 जून की दोपहर में कुर्थिया गांव में तालाब की जमीन का बंदोबस्ती है और उसी पर बांध बनाने का काम चल रहा था. इसी दौरान बीरबल यादव, कृष्णा यादव, संजय यादव, कन्हैया यादव, अमरेंद्र यादव समेत 12 लोग हरवे-हथियार के साथ पहुंचे और हमला कर दिये. जिसमें धनश्याम मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गयी.

शव पहुंचते ही मच गया कोहराम, पत्नी हुई बेहोश

सोमवार की सुबह घनश्याम मिश्रा उर्फ भोला का शव घर पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया. रोते-बिलखते परिजन बार-बार शव को देख मूर्छित हो जाते थे. मृतक की पत्नी पिंकी देवी बेसुध होकर बेहोश हो जा रही थी. वहीं बेटे के शव से लिपटकर बुजुर्ग ध्यानी देवी का रो-रोकर बुरा हाल था. शव दरवाजे पर पहुंचते ही गांव से लेकर मृतक के शुभचिंतकों की भारी भीड़ दरवाजे पर उमड़ पड़ी. मृतक का ज्येष्ठ पुत्र 12 वर्षीय दिव्यम मिश्रा ने अपने पिता को मुखग्नि दी.

पूरे दिन पुलिस छावनी में तब्दील रहा कुर्थिया

गांवविजयीपुर थाने का कुर्थिया गांव रविवार की देर शाम से लेकर सोमवार की शाम तक पुलिस की छापनी में तब्दील रहा. विजयीपुर थाने के पुलिस के अलावा क्यूआरटी टीम को इलाके में तैनात किया गया था. पुलिस गांव में एक-एक लोगों पर नजर रख रही थी. वहीं, आरेापियों की तलाश में पुलिस की दूसरी टीम लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन सभी आरोपी घर छोड़कर फरार मिले हैं.

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