सोनिया मिश्रा/ चमोली: चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम में बाबा काली कमली धर्मशाला में रह रहे दो साधुओं में झड़प के बाद एक साधु ने दूसरे साधु को हथौड़े से मारकर हत्या कर दी. जिसके बाद आरोपी साधु ने थाने आकर खुद ही हत्या की जानकारी देकर आत्मसमर्पण कर दिया.
बाबा काली कमली धर्मशाला के मैनेजर पूरण सिंह ने बदरीनाथ थाने में दी तहरीर में बताया कि दोनों साधु कई सालों से बदरीनाथ धाम में रह रहे थे. आरोपी दत्तचैतन धर्मशाला के कुटिया नंबर 14 और मृतक बाबा सुनकरा रामदास 15 नंबर कमरे में रहते थे. दोनों हमेशा साथ रहते और खूब हंसी-मजाक करते थे. घटना से पहले भी दोनों साधु आपस में हंसी मजाक कर रहे थे. लेकिन जब मंगलवार को दोपहर में जब दत्तचैतन अकेला दिखाई दिया और बाबा सुनकरा के कमरे में ताला लगा दिखा तो सभी ने दत्तचैतन से पूछा कि बाबा कहां हैं? और वें सुबह से क्यों नहीं दिखाई दिए? इस पर वह घबरा गया और रोने लगा. पूछने पर दत्तचैतन ने बताया कि गुस्से में उसने बाबा सुनकरा के सिर पर हथौड़ा मार दिया, जिससे उनकी मौत हो गई. और शव उन्होंने अपने कमरे में छिपाया है.
हत्या के आरोपी साधु ने पुलिस को बताया कि हत्या करने के बाद घबराकर उसने शव को अपनी ही चारपाई के नीचे रख दिया था. जब धाम में तीर्थयात्री और स्थानीय लोग सो गए तब वह रात करीब डेढ़ बजे अलकनंदा में नहाने पहुंचा.
बता दें कि बदरीनाथ धाम में इन दिनों लगभग 120 साधु-संत रह रहे हैं. जिनमें से अधिकांश साधु धाम में भिक्षावृति करते हैं. साथ ही जहां कुछ साधु आस्थापथ पर बैठे रहते हैं वहीं कुछ अपनी कुटिया में भी रहते हैं. धाम के नजदीक कई साधुओं की धर्मशालाएं हैं. छह महीने तक बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने पर भिक्षावृत्ति वाले साधु वापस लौट जाते हैं. जबकि कुछ साधु शीतकाल में भी धाम में ही निवास करते हैं. वे धाम में तपस्या करने के लिए जोशीमठ तहसील प्रशासन से अनुमति लेते हैं. पिछले वर्ष 33 साधुओं ने धाम में तपस्या करने की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद तहसील प्रशासन ने 12 को अनुमति दी थी.
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FIRST PUBLISHED : August 02, 2023, 16:03 IST