हाइलाइट्स
नितिन गड़करी लाॅन्च करेंगे एथेनाॅल से चलने वाली कार.
100% एथेनाॅल से चलने में होगी सक्षम.
मौजूदा समय में E20 फ्यूल का हो रहा इस्तेमाल.
नई दिल्ली. केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आज देश के पहले एथेनॉल कार को लॉन्च करेंगे जो 100% एथेनॉल से चलने में सक्षम होगी. गडकरी टोयोटा इनोवा के फ्लेक्स फ्यूल मॉडल को लॉन्च करेंगे. एथेनॉल की खास बात यह है कि ये तेल के कुएं से नहीं बल्कि किसान के खेतों से आता है और पेट्रोल-डीजल के मुकाबले प्रदूषण भी कम करता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी दावा किया है कि आने वाले दिनों में एथेनॉल के इस्तेमाल से देश में पेट्रोल की कीमत 15 रुपये प्रति लीटर पर आ सकती है.
आपको बता दें कि भारत सरकार फिलहाल पेट्रोल में 20% एथेनॉल को मिलाने की योजना बना रही है. E20 योजना के तहत 2025-2026 तक देश भर में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को लॉन्च किया जाएगा. भारत सरकार ने 2021-22 में अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 86 प्रतिशत ईंधन आयात किया था. 11 जुलाई 2023 को पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि E20 पेट्रोल अभी 1,350 पेट्रोल पंप पर मिल रहा है और 2025 तक ये पूरे देश में उपलब्ध होगा.
क्या है एथेनॉल और कैसे होता है तैयार
एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे गन्ने के रस, मक्का, आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों के फर्मेंटेशन से तैयार किया जाता है. स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बने एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर बायोफ्यूल या फ्लेक्स फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है. तैयार किए गए फ्लेक्स फ्यूल को पेट्रोल पंप में भेजा जाता है जहां से फ्यूल वाहनों में जाता है. फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाले वाहन भी अलग तरह के होते हैं. दरअसल, इन वाहनों के इंजन को फ्लेक्स फ्यूल या बायो फ्यूल से चलाने के लिए खासतौर पर तैयार किया जाता है.
एथेनॉल बनाने में ये देश है नंबर-1
ब्राजील दुनिया में सबसे ज्यादा फ्लेक्स फ्यूल का उत्पादन करता है. 1975 में ब्राजील ने तेल में ममले में खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एथेनॉल का उत्पादन शुरू कर दिया था. आज ब्राजील में चलने वाली 93% गाड़ियां एथेनॉल मिश्रित फ्लेक्स फ्यूल पर चलती हैं. अनुमान है कि 2030 तक ब्राजील की ईंधन डिमांड का 72% हिस्सा बायो फ्यूल से पूरा किआ जाएगा.
क्या हैं फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियां?
फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियां पेट्रोल, डीजल, एथेनॉल या फ्लेक्स फ्यूल किसी से भी चल सकती हैं. नितिन गडकरी आज जो कार भारत में लॉन्च करने वाले हैं वो 100% एथेनॉल पर चलने में सक्षम होगी. यानी ये कार फ्लेक्स फ्यूल के साथ पूरी तरह एथेनॉल से भी चलाई जा सकती है. फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियों इस्तेमाल से कच्चे ईंधन के आयत में कमी आएगी. इससे हर साल 16 लाख रुपये बचेंगे.
क्या हैं फ्लेक्स फ्यूल के फायदे
एथेनॉल की कीमत पेट्रोलियम पदार्थों से कम होती है. ऐसे में जब एक लीटर पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाया जाएगा तो कीमत कम होना स्वाभाविक है. एथेनॉल पर पेट्रोल की तुलना में कम टैक्स लगाए जाते हैं. फ्लेक्स फ्यूल के सस्ता होने की एक वजह यह भी है. फ्लेक्स फ्यूल जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड और मोनोऑक्साइड जैसी गैसों का कम उत्सर्जन करता है. इसका इस्तेमाल बढ़ने से प्रदूषण कम होने की उम्मीद है. एथेनॉल बनाने के लिए गन्ने और मक्के जैसी फसलों की पैदावार बढ़ाने की जरूरत होगी. इससे इन फसलों की मांग बढ़ेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. भारत में मौजूदा समय में केवल पेट्रोल में एथेनॉल मिलाया जा रहा है. डीजल में एथेनॉल मिलाए जाने के प्रोजेक्ट पर भी काम हो रहा है.
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Tags: Auto News, Ethanol, Toyota Motors
FIRST PUBLISHED : August 29, 2023, 10:48 IST
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