पलवल37 मिनट पहले
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यमुना टापू पर फंसे लोगों को निकालते हुए NDRF
हरियाणा के पलवल में यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है। यमुना के बीच में बने टापू पर फंसे किसान व उसकी भेड़-बकरियों को नौका ये बुधवार को सुरक्षित निकाल लिया, जबकि कुछ किसान व उनके पशु मंगलवार को देर शाम स्वंय पशुओं के साथ तैर कर बाहर निकल आए थे।
यमुना में डूबी 1200 एकड़ में फसल
-यमुना में पानी का स्तर बढऩे से जिले में 50 किलोमीटर लंबी बह रही यमुना नदी के साथ बुधवार सुबह तक 1200 एकड़ की फसल नष्ट हो चुकी है। लेकिन यदि पानी का स्तर और अधिक बढ़ता है तो फसल का नुक्सान बढ़ेगा। जिले में मंगलवार को यमुना का जल स्तर 184.04 मीटर था, जबकि बुधवार सुबह 185.09 मीटर पर पहुंच गया है। जल स्तर अभी प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रहा है, इसलिए अभी खतरा टला नहीं है।

यमुना क्षेत्र का जायजा लेने पहुंची डीसी।
टापू पर फंसे थे किसान जानवर
मंगलवार को यमुना नदी में एक साथ पानी बढ़ने से करीब 35 एकड़ जमीन जिसके चारों तरफ यमुना का पानी आ गया था उस पर 8-10 किसान उनकी भैंस, भेड़-बकरी फंस गए थे। किसान बिरेंद्र, लाला, राजेंद्र, महेंद्र व चरण सिंह सहित अन्य किसान फंस गए थे।
चरण सिंह की 150 भेड़-बकरी व अन्य की करीब 50-55 भैंस उनके साथ टापू बनी भूमि पर फंस गई थी। बिरेंद्र, लाला, राजेंद्र व महेंद्र सहित अन्य किसान तो अपनी भैंसों के साथ मंगलवार को नावों का इंतजार करने के बाद यमुना के पानी से तैर कर बाहर निकल आए थे। लेकिन चरण सिंह अपनी भेड़ों के साथ वहीं फंसा रहा, जिसे बुधवार को दोपहर के समय एनडीआरएफ व स्थानीय प्रशासन की नावों द्वारा उसकी भेड-बकरियों व उसे बाहर निकाला लिया गया।

भेड़ बकरियों के साथ किया गया रेस्क्यू।
यमुना किनारे वाले बरतें सावधानी
डीसी नेहा सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से पूर्व ही सभी तैयारियां, सावधानियां व प्रबंध सुनिश्चित कर लें। आपदा की स्थिति में किसी भी ग्रामीण को असुरक्षित नहीं रहने दिया जाएगा। जिला प्रशासन के सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं। यमुना नदी का जल स्तर व बहाव बढ़ने पर किनारे बसे गांवों के ग्रामीण स्वयं व अपने बच्चों और पशुओं को नदी के नजदीक न जाने दें। इससे जान माल का खतरा हो सकता है, इसलिए सावधानी बरतें।
अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टी रद्द
आपदा की स्थिति पैदा होती है तो इंद्रानगर गांव के नागरिकों के रहन-सहन की सुविधा गांव अच्छेजा के सरकारी स्कूल व सचिव कार्यालय में कर दी गई है। लेकिन अभी यमुना का पानी गांवों में नहीं पहुंचा, जिसके चलते अभी जिले में कोई खतरा नहीं है। ग्रामीणों के लिए लगने वाले शिविर में सभी सुविधा देने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों की स्पेशल ड्यूटी लगाई है। जिले के संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है।
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