डीजल इंजन वाली कार चलाने वाले ध्यान दें, भूल कर भी न करें ये गलती

199

नई दिल्ली. भारत में BS6 फेस 2 के नियम लागू होने के बाद कई कार कंपनियों ने अपने डीजल इंजन वाली कारों का प्रोडक्शन बंद करने का फैसला किया. हालांकि अभी भी भारतीय बाजार में कई गाड़ियां मौजूद हैं जो कि डीजल इंजन के साथ खरीदी जा सकती हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग डीजल कारों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि इन्हें चलाने का तरीका पेट्रोल कार की तुलना में काफी अलग होता है. यहां हम आपको ऐसी ही 3 गलतियों के बारे में बताते हैं जो डीजल इंजन वाली कार ड्राइव करते वक्त आपको कभी नहीं करनी चाहिए.

इंजन कॉम्पोनेंट्स के लिए डीजल एक तरह के लूब्रिकेंट की तरह काम करता है. अगर फ्यूल लेवल कम हो जाएगा, तो फ्यूल पंप कंबशन चेंबर में एयर सप्लाई कर सकता है, जिससे इंजन के इंटरनल पार्ट्स को बड़ा नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है. कम फ्यूल पर गाड़ी चलाने से फ्यूल पंप पर काफी ज्यादा प्रेशर पड़ता है, जिससे नुकसान का खतरा काफी बढ़ जाता है. इसलिए, टैंक में हमेशा पर्याप्त डीजल होना जरूरी है, जिससे इंजन और फ्यूल पंप बेहतर काम करें और उन्हें कोई डैमेज न हो.

यह भी पढ़ें : हर दिन बुकिंग के रिकॉर्ड तोड़ रही ये एसयूवी, टाटा-हुंडई के लिए खतरे की घंटी

इंजन स्टार्ट करते समय रहे सावधान
इंजन शुरू करने के ठीक बाद लगभग हर ड्राइवर की यह टेंडेंसी होती है कि तुरंत ज्यादा रेस लेते हैं. लेकिन डीजल इंजन के साथ अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको काफी महंगा पड़ सकता है. इंजन शुरू करने के बाद, इसे गर्म होने के लिए कुछ वक्त देना बेहद जरूरी है. इससे इंजन की उम्र बढ़ेगी और परफॉर्मेंस भी बेहतर होगी. ठंडे इंजन को दौड़ाने से पिस्टन, पिस्टन रिंग, वाल्व और सिलेंडर के टाइम से पहले ही खराब होने चांसेज बढ़ जाते हैं.

यह भी पढ़ें : मारुति की इन 2 कारों ने मचा दिया धमाल, खरीदने के लिए 1 लाख से ज्यादा लोग लाइन में

कम RPM पर ऊंचे गियर का इस्तेमाल
कम आरपीएम पर कार चलाना डीजल इंजन और ट्रांसमिशन दोनों को काफी नुकसान पहुंचने की संभावना है. यह इंजन पर ज्यादा प्रेशर डाल सकता है. इसके अलावा, यह कार की परफॉर्मेंस और लाइफ को भी अफेक्ट करता है. हमेशा कंपनी की ओर से सजेस्ट किए गए आरपीएम रेंज को फॉलो करना चाहिए.

Tags: Auto News, Car Bike News

.