हाइलाइट्स
मर्सिडीज बेंज ने बनाई है दुनिया की सबसे महंगी कार.
केवल दो ही कारें पूरी दुनिया में मौजूद.
1950 में हुआ था पहली बार प्रोडक्शन.
नई दिल्ली. दुनिया की सबसे महंगी कार, जब भी ये बात होती है तो आपके जहन में क्या आता है? 5 करोड़, 10 करोड़ या ज्यादा से ज्यादा 50 करोड़ की कार. लेकिन क्या आपने ये सोचा है कि दुनिया की सबसे महंगी कार हजारों करोड़ में है. हालांकि ये कार बिक्री के लिए नहीं है और केवल दो ही कारें पूरी दुनिया में मौजूद हैं. जिनमें से एक कार की कुछ समय पहले नीलामी की गई थी. नीलामी में इस कार को खरीदने के लिए रइसों का तांता लग गया. हालांकि नीलामी में भाग लेने वाले किसी भी शख्स का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया था.
अब आप ये जानना जरूर चाहेंगे कि ये कार किस कंपनी की है और इसकी नीलामी कितने में हुई. तो आपको बता दें कि ये मर्सिडीज बेंज की 300 SLR उहलेनॉट कूप (mercedes benz 300 slr Uhlenhaut Coupe) है. इस कार की नीलामी 1100 करोड़ रुपये (142 मिलियन डॉलर) से भी ज्यादा में हुई थी.
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केवल दो कारें ही मौजूद
इस कार की सबसे बड़ी खासियत है कि ये कंपनी ने केवल दो ही बनाई थीं. ये एक मॉडल रेस कार के तौर पर बनाई गई थी. लेकिन कंपनी ने कभी भी इसका मास प्रोडक्शन नहीं किया. मर्सिडीज ने उहलेनॉट कूप को पहली बार 1950 में बनाया और फिर रेस ट्रेक पर उतारा था. इस कार के ट्रेक पर आने के साथ ही दुनिया इसकी दीवानी हो गई थी. लेकिन कंपनी ने इस कार को दोबारा कभी नहीं बनाया और 1833 में कंपनी ने इस कार को बंद कर ने की घोषणा कर दी और तब से ही इस कार का नाम खूनी कार पड़ गया.
मर्सिडीज बेंज की 300 SLR उहलेनॉट कूप को रेस ट्रैक के लिए डिजाइन किया गया था.
क्यों बोलते हैं खूनी कार
उहलेनॉट कूप को लोग खूनी कार के नाम से पुकारते हैं. इसके पीछे एक बड़ी कहानी है. दरअसल 1950 में मर्सिडीज ने इस कार को रेस के लिए बनाया था. कार ने ट्रेक पर उतरते ही एक के बाद एक रेस जीतनी शुरू कर दीं. 1954 में कार ने 12 रेसों में से 9 जीत लीं. इसके बाद बारी आई कार को ले मैन्स रेस में उतारने की. ये उस समय की सबसे बड़ी कार रेस प्रतियोगिता थी. 1955 में ले मैन्स के दौरान इस कार की दुर्घटना हो गई. कार को चला रहे वर्ल्ड के फेमस रेस कार ड्राइवर पियरे लेवेघ की मौके पर ही मौत हो गई. इतना ही नहीं इस हादसे में रेस देख रहे 83 लोग भी कार की चपेट में आकर दर्दनाक मौत का शिकार हो गए. इस हादसे के बाद लोगों ने इसे खूनी कार का नाम दे दिया. इसके बाद कंपनी ने इसको दोबारा कभी नहीं बनाया.
क्या हैं खासियत
कार की सबसे बड़ी खासियत इसकी टॉप स्पीड थी. ये मिनटों में 290 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती थी. कार 310 बीएचपी की पावर जनरेट करती थी. इसके स्पेसिफिक आउटपुट की बात की जाए तो ये 103.96 बीएचपी प्रति लीटर की पावर देती थी. कार में 8 इनलाइन सिलेंडर पेट्रोल इंजन है जिसकी कैपेसिटी 3.0 लीटर की है.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2023, 16:16 IST
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