खाली करो… जानें गुरुग्राम में जबरन क्‍यों लोगों को न‍िकाला जा रहा है घर से

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राजधानी द‍िल्‍ली से सटे गुरुग्राम प्रशासन ने सोमवार को चिंटेल्स पैराडाइसो सेक्टर 109 कॉन्डोमिनियम के टॉवर एच को असुरक्षित घोषित कर दिया और निवासियों को 15 दिनों के भीतर इसे खाली करने का निर्देश दिया है. गुरुग्राम प्रशासन ने निवासियों को टावर खाली नहीं करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू करने की भी धमकी दी. यह अधिनियम अधिकारियों को इमारत को जबरन खाली कराने का अधिकार देता है.

हाल की एक रिपोर्ट में, आईआईटी-दिल्ली ने हाउसिंग सोसाइटी के टावर्स डी, ईएफ और जी को रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया और उन्हें खाली कर दिया गया. पिछले साल 10 फरवरी को टावर डी की छह मंजिलें आंशिक रूप से ढह गईं थी, इसमें दो निवासियों की मौत हो गई थी। चिंटेल्स में नौ टावर हैं; इनमें से पांच डी, ई, एफ, जी और एच को अब तक असुरक्षित घोषित किया जा चुका है.

जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा क‍ि ये टावर असुरक्षित हैं और कभी भी कोई अवांछित घटना हो सकती है. बिल्डर को निवासियों के स्थानांतरण के लिए भुगतान करना चाहिए. हम लोगों को अपनी जान जोखिम में नहीं डालने दे सकते. उन्होंने कहा कि बिल्डरों को टावर डी, ई, एफजी और एच निवासियों के साथ जल्द से जल्द मुआवजे का काम करने का अल्टीमेटम भी जारी किया गया था, अन्यथा प्रशासन अपनी सभी संपत्तियों की नीलामी करेगा और निवासियों को मुआवजा देगा.

चिनटेल्स आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष राकेश हुडा ने कहा क‍ि हम असमंजस में हैं क्योंकि फ्लैट खाली करने के निर्देश पारित कर दिए गए हैं. हम जोखिम से अवगत हैं लेकिन अगर हम टावरों से बाहर निकलते हैं, तो बिल्डर हमें कोई जमीन नहीं देगा और हम बेघर हो जाएंगे.

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