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- Haryana Karnal 3 Day Yamuna Water Flood Caused Update|32 Dozen Villages In The Grip Of Flood|Relief Expected After 22 Hours| Karnal Breaking News|
करनाल28 मिनट पहले
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गांव मुसेपुर व समसपुर में टूटे बांध का दृश्य।
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से बुधवार को करीबन एक लाख क्यूसेक पानी को रोक लिया गया है। आने वाले 22 घंटो में बाढ़ ग्रस्त इलाकों में कुछ राहत की उम्मीद देखने को मिल सकती है। अगर दोबारा कुंड से ज्यादा पानी न छोड़ा जाए तो। अधिकारियों की मांने तो अब यमुना में करीब आढ़ई लाख क्यूसेक पानी ही छोडा जा रहा है। इससे पानी का लेवल व बहाव कम होने से मूसेपुर-समसपुर व गढ़पुर टापू के तटबंध ठीक होने के काम को रफ्तार मिलेगी।
तटबंध ठीक होने के बाद ही बाढ़ग्रस्त इलाको का भी पानी का लेवल कुछ घट पायेगा और लोगों की अस्त व्यस्त जिंदगी ट्रैक पर आ पाएगी। फ़िलहाल स्थिति ज्यों की त्यों है, नेता और अधिकारी लगातार बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर रहे है और लोगो को दिलासा दे रहे है कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा।

गांव घीड में अपने बच्चों के साथ निकलता परिवार
32 गांवो में बाढ़ जैसे हालात
करनाल जिले के यमुना से सटे करीब 32 गांवो में बाढ़ जैसे हालात बने हुए है। जिनसे निपटने के लिए शासन व प्रशासन जद्दोजहद कर रहा है। वही लोगो को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा पशुओं के लिए भी चारे की समस्या पैदा हो चुकी है। फसल और पशुओं का चारा बुरी तरह से बर्बाद हो चुका है। लोगों के लिए तो कही न कही खाद्य सामग्री पहुंच ही जाती है लेकिन बेजुबान पशुओं पर क्या बीत रही होगी, इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है।
धनोरा एस्केप पर बना बांध टूट गया था
पानी की वजह से यमुना में आई बाढ़ के कारण इलाके में 32 से ज्यादा गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। बाढ के चलते सोमवार शाम को गांव गढ़टापू के पास धनोरा एस्केप पर बना बांध टूट गया था जिसके चलते यमुना के बाढ़ के पानी ने जो गांव बांध के अंदर स्थित थे, उनको भी बुरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया था। वही टूटे हुए बांध को जहां प्रशासन सोमवार शाम से अबतक इस तटबंध को ठीक करने का रहा था। लेकिन उसमें कामयाब नहीं रहा, अभी प्रशासन इस परिस्थिति से निपटने में ही लगा हुआ था।

गांव घीड से यमुना के पानी से निकाल ट्रैक्टर पर बैठकर घर जाता परिवार।
एक जगह से ओर टूट गया बांध
मंगलवार अल सुबह करीब 1 से 2 बजे के बीच गांव मूसेपुर के समीप धनोरा एस्केप का बांध एक जगह से ओर टूट गया, जिसके चलते बाढ़ का पानी दोगुनी स्पीड से बांध के अंदर स्थित गांवों में घुस गया और देखते ही देखते लबकरी, कलसौरा, बदरपुर, मूसेपुर, समसपुर, बयाना, चांदसमंद, चोरपुरा आदि गांवों को चारों तरफ से घेर लिया बदरपुर गांव के इंद्री से लगते रास्ते के कुछ घरों में पानी भर गया जबकि मूसेपुर गांव करें आधे से ज्यादा लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया जिसके चलते लोगों का खाने-पीने तक का सामान खराब हो गया, वहीं बाढ़ का पानी कलसौरा सहित कई गांव के घरों में घुस गया।
गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाने में लगा रहा प्रशासन
करनाल यमुनानगर हाईवे पर भी चोरपुरा तक बाढ़ के पानी कई जगह से सड़क से होकर गुजरने लगा। दिनभर प्रशासन बाढ के पानी से गिरे गांव में राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य करता रहा जिसके अंतर्गत पीने का पानी और राशन आदि था। बाढ़ के पानी से गिरे गांवों के लोगों को अंदर बाहर ले जाने के लिए जो नाव लगी हुई थी वह लोगों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त नहीं थी जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

गांव शेरगढ़ टापू में पानी को रोकने के लिए कट्टों में मिट्टी भरते ग्रामीण।
मकान गिरने का मामला, लोगो को किया रेस्क्यू
डेरा हलवाना में एक दिन पहले कुछ ग्रामीणों द्वारा उनकी झुग्गी-झोपिडय़ों व बकरी आदि पानी में बहने की चर्चा है। बीती रात बांध दूसरी जगह से टूटने पर मुसेपुर में एक मकान गिरने का मामला भी सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार मकान के अंदर रह रहे चार बच्चों समेत आठ लोगों को ग्रामीणों द्वारा मलबे से सुरक्षित निकाल लिया गया। पानी बढ़ने से अनेक गांवों में लोग घबराए हुए हैं क्योंकि एक तरफ बरसात चल रही है तो दूसरी ओर तेज बहाव से कई गांवों के एरिया में पानी बह रहा है। हलवाना रोड़ान गांव में ग्रामीणों के सामने पीने के पानी की समस्या आ रही है।
बाढ़ ग्रस्त इलाको की तरफ बढ़ रही है आर्मी
मंगलवार को भारतीय सेना की कई टूकडियों ने इंद्री में प्रवेश किया और SDM कार्यालय पर पहुंचने के बाद सेना के जवानों ने सडक़ किनारे खड़ें होकर ही चाय पी और कुछ ने बिस्कुट आदि खाए और फिर टकडियां ट्रकों व गाडिय़ों में सवार होकर बाढ प्रभावित एरिया की ओर रवाना हो गए।

बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर जाती प्रशासन की टीम।
क्या कहते है ग्रामीण
गांव के राहुल, हरपाल व संदीप कहते हैं कि पीने के पानी की बड़ी समस्या आ गई है। यहां एक-दो ही घरों में ही लगे छोटे सबमर्सीबल चल रहे हैं और इन्हीं से ग्रामीण ट्रैक्टरों, बाइकों व साइकिलों आदि पर पानी ढ़ो रहे हैं। ग्रामीण जोगा सिंह का कहना है कि गांवों के चारों तरफ पानी बह रहा है और कुछ लोगों के घरों में भी पानी घुस गया। खेतों में फसलें पानी में डूब गई।

ट्रैक्टर पर गढ़पुर टापू में टूटे तटबंध का निरीक्षण करने पहुंचे डिप्टी CM।
क्या कहते है SDM
SDM अशोक कुमार ने बताया है कि वह सैयद छपरा, जपती छपरा के आसपास के एरिया में जाकर आए हैं। वह एक दिन पहले सैयद छपरा, डेरा सिकलीगरान आदि जगहों पर नाव से गए, खाना वगैरा देकर भी आए। अब NDRF की भी दो टीमें उस एरिया के गांवों में खाना देने के लिए गई हुई हैं। वही जिला उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि निरंतर हो रही बारिश व यमुना का जलस्तर बढऩे से करनाल जिला में पैदा हुए बाढ़ के हालात को काबू करने के लिए जिला प्रशासन करनाल ने दिन-रात एक कर दिए हैं। हालांकि युमना के उफान में करीब 2 मीटर तक पानी में गिरावट आई है। जल्द ही बाढ़ पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। NDRF की टीमें अलग-अलग इलाकों में राहत सामग्री पहुंचा रही है।
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