इंजन, गियरबॉक्स या एसी? नई कार में कितनी चीजों पर मिलती है वारंटी, जानिए

59

हाइलाइट्स

कार कंपनी सभी चीजों पर वारंटी नहीं देती.
कुछ गलतियों से हो सकता है भारी नुकसान.
कार खरीदते समय जरूर देखें वारंटी कवर.

नई दिल्ली. कार कंपनियां नई गाड़ियों पर वारंटी देती हैं. वारंटी देने का मकसद होता है कि यदि कार बिकने के बाद तुरंत खराब हो जाए तो ग्राहक उसे बिना परेशानी के ठीक करवा सकें. इसके लिए ग्राहक को अपनी जेब से खर्च नहीं उठाना पड़ता है. कार खरीदते समय कई डीलर ग्राहक को कार पर मिलने वाली वारंटी की पूरी जानकारी देते हैं, जबकि कई ग्राहक इस बात से अनजान होते हैं कि कंपनी कार के किन पार्ट्स पर वारंटी देती है. कई बार जानकारी न होने के वजह से ग्राहक धोखे का भी शिकार हो जाते हैं और वारंटी के तहत आने वाली सर्विस के लिए भी अपनी जेब से पैसों का भुगतान कर देते हैं.

वारंटी की सही जानकारी न होने के वजह से आपका खर्च बेकार में बढ़ सकता है. कार के मॉडल, डिजाइन और कीमत पर के आधार पर भी अलग-अलग अवधि की वारंटी मिलती है. हालांकि, आमतौर पर एक कार पर 3 से 5 साल की वारंटी मिलती है. वारंटी को किलोमीटर के आधार पर भी तय किया जाता है. कुछ गाड़ियों में 30 हजार से 1 लाख किलोमीटर तक की वारंटी दी जाती है.

यह भी पढ़ें: Hyundai ने Venue में दे डाला ऐसा फीचर, Nexon वालों को होने लगी जलन; लोग कर रहे लग्जरी गाड़ियों से तुलना

कार के किन पार्ट्स पर मिलती है वारंटी?
देखा जाए तो वारंटी के तहत कार के सभी महत्वपूर्ण उपकरण वारंटी के तहत कवर होते हैं. कार कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट पर वारंटी देती हैं, यानी अगर कंपनी कार बनाने में कुछ गलती करती है और वो यूनिट ग्राहकों को बेचे जाने के बाद खराब हो जाती है तो उसकी भरपाई कंपनी करेगी. कार की वारंटी के तहत इंजन, गियरबॉक्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, वायरिंग, एयर कंडीशन, ब्रेक सिस्टम, क्लच, डिस्प्ले स्क्रीन, ऑडियो सिस्टम, स्टीयरिंग और कंसोल जैसी चीजों पर कंपनी वारंटी कवर देती है. अगर आपकी कार में फैक्ट्री फिटेड सीएनजी किट लगा हुआ है, तो वारंटी अवधि के अंदर उसके खराब होने पर कंपनी उसे रिपेयर करेगी.

इन चीजों के लिए आप होंगे जिम्मेदार
कार कंपनी वारंटी कवर तो देती हैं लेकिन इससे जुड़े कुछ नियम व शर्तें भी होती हैं. आपको बता दें कि अगर ग्राहक की गलती से कोई नुकसान होता है तो उसे वारंटी में कवर नहीं किया जाता है. अगर कार खराब हो जाए या कहीं से रंग उड़ जाये तो कंपनी इसे वारंटी कवर नहीं करेगी. इसी तरह शीशे से बनी विंडस्क्रीन और खिड़कियों पर लगे शीशों पर भी वारंटी कवर नहीं मिलता है. कार में डेंट, टूट-फूट या स्क्रैच को भी वारंटी में कवर नहीं किया जाता है. इतना ही नहीं अगर आपकी गलती से कार के नए टायर खराब हो जाएं तो कंपनी उसे भी कवर नहीं करेगी.

क्या एक्सीडेंट पर मिलती है वारंटी?
जैसा कि हमने पहले बताया कि कंपनी केवल मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट को कवर करती है, इसलिए कार मालिक की गलती से होने वाले नुकसान को कंपनी वारंटी के तहत कवर नहीं करेगी. अगर नई कार का एक्सीडेंट हो जाए तो ऐसे में भी कंपनी वारंटी का लाभ नहीं देती है, क्योंकि एक्सीडेंट में कार चालक की जिम्मेदारी होती है.

Tags: Auto News, Car Bike News, Cars

.