भूल कर भी मत खरीदना ऐसी सेकेंड हैंड कार! पैसे और टाइम दोनों होंगे बर्बाद

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हाइलाइट्स

सेकेंड हैंड कार कम खर्च में मिल जाते हैं.
पुरानी गाड़ी आपका सिर दर्द भी बन सकती है.
इसलिए समझदारी से फैसला लेना चाहिए.

नई दिल्ली. नई कार खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन बजट कम होने के चलते लोग पुरानी कारें खरीदते हैं. कई बार कम बजट में भी कईयों को अच्छी कंडीशन वाली कार मिल जाती है. हालांकि सेकेंड हैंड कार खरीदते समय आपको सिर्फ कीमत और कंडीशन ही नहीं बल्कि कई बातों का ध्यान रखना होता है. पुरानी कार खरीदने में आपका एक गलत फैसला आपके पैसे डुबा सकता है और यदि  गाड़ी खराब निकली तो फिर ये सर दर्द बन जाती है.

अगर आप भी सेकेंड हैंड कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यहां हम आपको बताने वाले हैं कि आपको कैसी सेकेंड हैंड कारें नहीं खरीदनी चाहिए. यहां बताए जाने वाले टिप्स को समझकर आप अपने लिए एक परफेक्ट सेकेंड हैंड कार खरीद सकते हैं. तो चलिए जानते हैं…

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बंद हो चुकी कारें
कई कारों की अच्छी सेल्स न होने के वजह से उन्हें बंद कर दिया जाता है. कंपनियों के बंद हो जाने से या बाजार छोड़कर चले जाने से भी उनकी गाड़ियों की वैल्यू कम हो जाती है. ऐसी कारें आपको सस्ती तो मिल जाएंगी लेकिन उनकी सर्विसिंग में आपको भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. ऐसी गाड़ियों के पार्ट्स भी आसानी से नहीं मिलते और मैकेनिक भी उन्हें ठीक करने से कतराते हैं.

ज्यादा पुरानी कार न खरीदें
कई बार हमें ऐसी कारें मिल जाती हैं जो कम चली होती हैं लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन काफी पुराना होता है. ये कारें भले हो आपको अच्छी कंडीशन में मिल जाएं लेकिन ज्यादा पुरानी होने पर इनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो सकता है. दिल्ली एनसीआर में 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल कार और 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल कार को चलाने पर रोक है. ऐसे ही कुछ नियम अन्य बदलाव के साथ कई राज्यों में लागू हैं. सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले ये देख लें की उस राज्य में कारों की रजिस्ट्रेशन वैलिडिटी कब तक मान्य है.

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कम बिकने वाली ब्रांड्स की कारें
मार्केट में कई ऐसे ब्रैंड्स हैं जिनकी कारें कम बिक रही हैं. ऐसे ब्रांड्स मार्केट में एक्का दुक्का ही कारें बेच रही हैं. कम बिक्री के वजह से ये ब्रांड्स कभी भी मार्केट में सेल बंद कर सकती हैं. ऐसे ब्रांड्स की पुरानी कार खरीदने से बचना चाहिए. ऐसी कंपनियों के सेल्स और सर्विस नेटवर्क भी कम होते हैं साथ ही पार्ट्स की उपलब्धता भी कम होती है.

डीजल गाड़ियां
डीजल वाहनों को लेकर सरकार सख्ती से कानून बना रही है. हाल ही में केंद्र सरकार की एक कमिटी ने 2027 से डीजल कारों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भी लाया था. उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकार डीजल वाहनों पर और भी सख्ती दिखा सकती है. इसके अलावा 7-8 साल पुरानी डीजल कारों की परफॉर्मेंस काफी गिर जाती है, जिससे आपको चलाने में उतना मजा नहीं आएगा.

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